इस माह मासिक दुर्गाष्टमी 13 जून को मनाई जाएगी। इस दिन मां दुर्गा के पूजन से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
By Bharat Mandhanya
Publish Date: Fri, 07 Jun 2024 08:59:59 AM (IST)
Updated Date: Fri, 07 Jun 2024 10:40:09 AM (IST)
HighLights
- शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाई जाती है मासिक दुर्गाष्टमी
- इस माह 13 जून को रखा जाएगा दुर्गा अष्टमी का व्रत
- रोग और भय से मिलती है मुक्ति
Masik Durga Ashtami 2024 धर्म डेस्क, इंदौर। मां दुर्गा के पूजन का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। मां के पूजन से न सिर्फ भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। बल्कि कई समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। वहीं मासिक दुर्गाष्टमी पर माता का पूजन करने से रोग और भय से मुक्ति मिलती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन व्रत रखने पर शुभ फलों और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। इस माह मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत 13 जून को रखा जाएगा। इस लेख में आपको इसका मुहूर्त और पूजा विधि बताते हैं।
वैसे तो दुर्गाष्टमी की शुरुआत 13 जून को रात 8 बजकर 3 से होगी और यह अलग दिन यानी 14 जून को रात 10 बजकर 33 मिनट तक रहेगी, लेकिन उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए दुर्गाष्टमी का व्रत 14 जून को ही किया जाएगा।
ऐसे करें पूजा (Masik Durga Ashtami Puja Vidhi)
- प्रात: काल जल्दी और उठें और स्ननादि एंवं नित्यकर्मों से निर्वत्त होकर घर के मंदिर की सफाई करें।
- एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर इस पर मां दुर्गाकी तस्वीर अथवा प्रतिमा स्थापित कर मां दुर्गा को सोलह श्रृंगार और चुनरी सहित लाल पुष्प अर्पित करें।
- मंत्रोच्चर के साथ माता का पूजन करें और अंत में आरती तक प्रसाद वितरित करें
इन वस्तुतों का लगाएं भोग (Masik Durga Ashtami Prasad)
- मासिक दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा को खीर का भोग लगाना शुभ माना गया है। इसके साथ ही पंचामृत और शक्कर का भोग लगा सकते हैं। इन वस्तुओं के भोग से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- पूजा के दौरान मां दुर्गा को केले का भोग लगाना भी शुभ माना गया है, इससे करियर में आ रही दिक्कतें दूर होती और सफलता मिलती है।
- आर्थिक समस्या दूर करने के लिए दूध से बनी मिठाई भी अर्पित कर सकते हैं।
डिसक्लेमर
इस लेख में दी गई जानकारी/ सामग्री/ गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ धार्मिक मान्यताओं/ धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई है। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें।