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इस दिन सभी विवाहित महिलाएं वट वृक्ष या बरगद के पेड़ की विधि-विधान से पूजा करती हैं। साथ अखंड सुहाग की कामना करती हैं।
By Ekta Sharma
Publish Date: Mon, 03 Jun 2024 10:03:27 AM (IST)
Updated Date: Mon, 03 Jun 2024 10:03:27 AM (IST)

HighLights
- वट सावित्री व्रत 6 जून, गुरुवार को रखा जाएगा।
- इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं।
- पेड़ के नीचे बैठकर वट सावित्री व्रत की कथा सुनें।
धर्म डेस्क, इंदौर। Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार विवाहित महिला के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन सभी विवाहित महिलाएं वट वृक्ष या बरगद के पेड़ की विधि-विधान से पूजा करती हैं। साथ अखंड सुहाग की कामना करती हैं। कहा जाता है कि बरगद के पेड़ में भगवान विष्णु, शिव जी और भगवान ब्रह्मा का वास होता है।
वट सावित्री व्रत 2024 तिथि
इस बार ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 5 जून की शाम 7 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 6 जून की शाम 6 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, वट सावित्री व्रत 6 जून, गुरुवार को रखा जाएगा। वट सावित्री व्रत के दिन पूजा का शुभ समय सुबह 11.52 बजे से दोपहर 12.48 बजे तक रहेगा।
वट सावित्री व्रत पूजा विधि
- वट सावित्री व्रत के दिन वट वृक्ष या बरगद के पेड़ की विधि-विधान से पूजा करें।
- इसके बाद वट वृक्ष की 7 या 11 बार परिक्रमा करते हुए पेड़ के चारों ओर कच्चा सूत लपेटते रहें।
- यदि कच्चा सूत उपलब्ध न हो तो कलावा का भी प्रयोग किया जा सकता है।
- इसके बाद वट वृक्ष या बरगद के पेड़ पर जल चढ़ाएं।
- वट सावित्री व्रत की कथा वट वृक्ष के नीचे ही बैठकर सुनें।
- इसके बाद भगवान से अपने पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना करें।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
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