जैन मान्यताओं के अनुसार, रोहिणी व्रत को करने से जीवन में चल रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
By Ekta Sharma
Publish Date: Wed, 05 Jun 2024 04:07:21 PM (IST)
Updated Date: Wed, 05 Jun 2024 04:07:21 PM (IST)
HighLights
- जैन धर्म में इस व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।
- इस दिन भगवान वासुपूज्य की पूजा की जाती है।
- रोहिणी व्रत के प्रभाव से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Rohini Vrat 2024: रोहिणी व्रत और रोहिणी नक्षत्र का आपस में संबंध माना जाता है। जब सूर्योदय के बाद रोहिणी नक्षत्र पड़ता है, तो उस दिन रोहिणी व्रत रखा जाता है। जैन धर्म में इस व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। जैन मान्यताओं के अनुसार, रोहिणी व्रत को करने से जीवन में चल रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कि रोहिणी व्रत क्यों रखा जाता है। साथ ही इस व्रत से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें कौन-सी हैं।
सुख-समृद्धि के लिए
यह व्रत मुख्य रूप से महिलाएं रखती हैं। यह व्रत पुरुष भी करते हैं। पति की लंबी उम्र और परिवार की सुख-शांति के लिए इस व्रत को महिलाएं करती हैं। इस दिन भगवान वासुपूज्य की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन गरीबों को दान देने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
मोक्ष की होती है प्राप्ति
जैन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, रोहिणी व्रत के प्रभाव से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। इस व्रत को पूरे विधि-विधान और श्रद्धा से करने से व्यक्ति आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगती है। जैन मान्यताओं की मानें, तो रोहिणी व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इन नियमों का करें पालन
- रोहिणी व्रत के दौरान आपको अपनी पवित्रता का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
- इस व्रत में सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए।
- रोहिणी व्रत लगातार 3, 5 या 7 वर्ष तक रखा जाना चाहिए।
- व्रत का उद्यापन करने पर अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना चाहिए। साथ ही भोजन भी कराना चाहिए।
डिसक्लेमर
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