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ब्रह्मांड का 3-D मानचित्र – Drishti IAS

bareillyonline.com by bareillyonline.com
15 April 2024
in न्यूज़
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ब्रह्मांड का 3-D मानचित्र

स्रोत:इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में शोधकर्त्ताओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम द्वारा ब्रह्मांड का सबसे व्यापक त्रि-आयामी मानचित्र जारी किया गया है।

  • वैज्ञानिकों का मानना है कि इस विकास से डार्क एनर्जी के बारे में कुछ सुराग मिल सकते हैं।
  • डार्क एनर्जी स्पेक्ट्रोस्कोपिक इंस्ट्रूमेंट (DESI) द्वारा अवलोकन के पहले वर्ष से प्राप्त यह मानचित्र, आकाशगंगाओं के स्थानिक वितरण में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है और डार्क एनर्जी के रहस्यों को उजागर करने का वादा करता है।

ब्रह्माण्ड के मूलभूत घटक क्या हैं?

  • ब्रह्माण्ड तीन घटकों से बना है: 

    • सामान्य या दृश्यमान पदार्थ (5%)
    • डार्क मैटर (27%),
    • डार्क एनर्जी (68%)

  • सामान्य पदार्थ:

    • सामान्य पदार्थ वह सब कुछ बनाता है जिसे हम सीधे देख सकते हैं।
    • यह प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन जैसे परमाणु कणों से बना है।
    • यह गैस, ठोस, तरल या आवेशित कणों के प्लाज़्मा के रूप में मौज़ूद हो सकता है।

  • डार्क मैटर:

    • सामान्य पदार्थ की तरह, डार्क मैटर जगह घेरता है और अपना द्रव्यमान रखता है।
    • डार्क मैटर अदृश्य होता है और प्रकाश के साथ संपर्क नहीं करता है, जिससे इसका सीधे निरीक्षण करना असंभव हो जाता है।
    • यह गुरुत्वाकर्षण प्रभाव डालता है, जैसा कि तारों, गैस और आकाशगंगाओं की गति पर इसके प्रभाव से प्रमाणित होता है।
    • ऐसा माना जाता है कि डार्क मैटर आकाशगंगाओं के चारों ओर प्रभामंडल बनाता है, और यह बड़ी आकाशगंगाओं की तुलना में बौनी आकाशगंगाओं में अधिक प्रचलित है।

  • डार्क एनर्जी:

    • डार्क एनर्जी एक अज्ञात बल है जो गुरुत्वाकर्षण का प्रतिकार करता है, जिससे ब्रह्मांड के विस्तार में तेज़ी आती है।
    • डार्क मैटर की तरह अदृश्य होने के बावजूद, डार्क एनर्जी का एक अलग प्रभाव होता है, जो आकाशगंगाओं को एक साथ खींचने के बजाय अलग कर देती है।
    • वर्ष 1998 में डार्क एनर्जी की खोज ब्रह्मांडीय विस्तार के मापन पर आधारित थी, जिससे विस्तार की बढ़ती दर का पता चला।

  • डार्क एनर्जी की प्रकृति:

    • हालिया निष्कर्षों ने इस संभावना को बढ़ा दिया है कि डार्क एनर्जी – एक अज्ञात, प्रतिकारक शक्ति है, जो प्रक्रिया को संचालित करती है – जैसा कि पहले सुझाया गया है, यह संपूर्ण समय स्थिर नहीं रहती है।
    • डार्क एनर्जी की जानकारी ब्रह्मांड के विस्तार की दर पर इसके प्रभाव और गुरुत्वाकर्षण अस्थिरता के माध्यम से आकाशगंगाओं तथा उनके समूहों जैसी विस्तृत संरचनाओं के निर्माण के आधार पर इसके प्रभाव से लगाया जाता है।

डार्क एनर्जी स्पेक्ट्रोस्कोपिक उपकरण (DESI):

  • DESI एक अनोखा उपकरण है, जो एक बार दूरबीन पर फिट हो जाने पर, एक ही समय में 5,000 आकाशगंगाओं से प्रकाश ग्रहण कर सकता है।

    • यह विश्व भर के संस्थानों में 900 से अधिक शोधकर्त्ताओं के सहयोग से बना है। भारत से, TIFR (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च) एकमात्र भाग लेने वाला संस्थान है।

  • शोधकर्त्ताओं ने अमेरिका के एरिज़ोना में मायाल 4-मीटर टेलीस्कोप पर स्थापित DESI का उपयोग किया, जिसके परिणामस्वरूप वे 60 लाख आकाशगंगाओं से प्रकाश को मापने में सक्षम हुए हैं, हालाँकि इनमें से कुछ 11 अरब वर्ष पहले तक मौज़ूद थीं।
  • इसका उपयोग ब्रह्माण्ड का अब तक का सबसे विस्तृत मानचित्र तैयार करने के लिये किया गया था।

Expanding_universe

और पढ़ें:  डार्क एनर्जी, डार्क मैटर 




  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न1. वैज्ञानिक निम्नलिखित में से किस/किन परिघटना/परिघटनाओं को ब्रह्मांड के निरंतर विस्तरण के साक्ष्य के रूप में उद्धृत करते हैं? (2012)

  1. अंतरिक्ष में सूक्ष्मतरंगों का पता चलना 
  2.  अंतरिक्ष में रेडशिफ्ट परिघटना का अवलोकन 
  3.  अंतरिक्ष में क्षुद्रग्रहों की गति 
  4.  अंतरिक्ष में सुपरनोवा विस्फोटों का होना

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) 1 और 2
(b) केवल 2
(c) 1, 3 और 4
(d) उपर्युक्त में से कोई भी साक्ष्य के रूप में उद्धृत नहीं किया जा सकता

उत्तर: (a)


प्रश्न 2. वर्ष 2008 में निम्नलिखित में से किसने एक जटिल वैज्ञानिक प्रयोग किया था, जिसमें उप-परमाणु कणों को लगभग प्रकाश की गति तक त्वरित किया गया था? (2008)

(a) यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी
(b) परमाणु अनुसंधान हेतु यूरोपीय संगठन
(c) अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी
(d) राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रशासन

उत्तर: b



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