Zepto में खराब वर्क कल्चर पर बोले सीईओ, रात 2 बजे मीटिंग का ऐसे किया बचाव – 22-year old zepto ceo responds to toxic work culture says on work-life balance



ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी ऐप जेप्टो (Zepto) इस समय टॉक्सिक वर्क कल्चर को लेकर विवादों से जूझ रही है। अब इसे लेकर इसके 22 वर्षीय सीईओ आदित पलीचा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सीईओ आदित पालिचा का कहना कि उन्हें वर्क-लाइफ बैलेंस से कोई आपत्ति नहीं है और यहां तक कि उन्होंने अपने प्रतिस्पर्धियों को भी इसे अपनाने की सलाह भी दी। वर्ष 2021 में बनी जेप्टो के सीईओ ने कई आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है लेकिन कुछ मुद्दों पर अपना पक्ष नहीं रखा। यहां पूरे मामले के बारे में बताया जा रहा है, जैसे कि यह मामला कैसे शुरू हुआ और जेप्टो के सीईओ का इन पर क्या कहना है?

Zepto के CEO को क्यों देनी पड़ी सफाई?

यह मामला एक अंजान रेडिट यूजर के कमेंट से शुरू हुआ जिसका दावा है वह जेप्टो का एंप्लॉयी है और उसने कंपनी में काम के खराब माहौल को लेकर खिंचाई की। यूजर ने कहा कि जेप्टो में काम करने के घंटे यानी वर्किंग ऑवर्स काफी लंबे हैं और मीटिंग्स रात दो बजे होती हैं क्योंकि सीईओ जल्द नहीं उठ सकते हैं। पोस्ट में यूजर ने दावा किया है कि युवा वर्कर्स का तो बहुत शोषण होता है और उनसे हर दिन 14 घंटे काम कराया जाता है। यूजर ने यह भी कहा कि कंपनी में बड़े पैमाने पर छंटनी होने वाली है।

क्या कहा Aadit Palicha ने?

आदित पलीचा ने X (पूर्व नाम Twitter) पर ट्वीट्स की एक कड़ी के जरिए सभी मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने 2 बजे रात की मीटिंग और 10 बजे सुबह काम शुरू होने की वजह CEO के व्यक्तिगत शेड्यूल को बताया। उन्होंने यह भी कहा कि जेप्टो में बहुत से युवा वर्कर्स को भर्ती किया जाता है क्योंकि सीनियर लोग ऐसी संस्कृति में काम नहीं करना चाहते। हालांकि इसके आगे उन्होंने यह भी कहा कि वह वर्क-लाइफ बैलेंस के खिलाफ नहीं है बल्कि वह तो खुद अपने कॉम्पटीटर्स को इसके लिए कहते हैं। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने कुछ आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी जैसे कि कस्टमर डेटा के दुरुपयोग और देरी से होने वाली मीटिंग्स पर।



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