वर्ष 1866 का उड़ीसा अकाल और रेवेंशॉ विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तन
स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कटक में रेवेंशॉ विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तित करने का सुझाव दिया है क्योंकि इसका नामकरण एक ब्रिटिश अधिकारी थॉमस एडवर्ड रेवेंशॉ के नाम पर किया गया था, जिसे वर्ष 1866 में उड़ीसा के अकाल को प्रबंधित करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी थी, लेकिन उसके प्रबंधन में दस लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी।
- वर्ष 1866 में उड़ीसा में आए अकाल को स्थानीय तौर पर “ना अंका दुर्भिक्ष्य” के नाम से जाना जाता है, जिसने तटीय ओडिशा को तबाह कर दिया था। इतिहासकार इस अकाल के लिये धान की फसल की विफलता, चावल आयात के लिये अपर्याप्त बुनियादी ढाँचे और आपूर्ति शृंखला की विफलताओं को ज़िम्मेदार मानते हैं।
- इस अकाल में उड़ीसा की लगभग एक तिहाई आबादी की मृत्यु हो गई थी, जिसके कारण ब्रिटिश सरकार और ईसाई मिशनरियों ने लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिये ‘अन्ना छत्र’ खोले। बाद में हैजा और डायरिया से अनेक लोगों की मृत्यु हो गई।
- वर्ष 1868 में एक छोटे से स्कूल के रूप में स्थापित रैवेनशॉ कॉलेज वर्ष 1876 में एक पूर्ण कॉलेज बन गया और इसका नाम बदलकर टी.ई. रैवेनशॉ के सम्मान में रखा गया। यह वर्ष 2006 में एक विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुआ तथा ओडिशा के शिक्षा एवं राजनीतिक क्षेत्रों में प्रमुख रहा है।
- रेवेंशॉ ने ओडिशा में महिलाओं की शिक्षा का भी समर्थन किया, जिसके कारण कटक गर्ल्स स्कूल की स्थापना हुई, जिसका नाम बाद में बदलकर रैवेनशॉ हिंदू गर्ल्स स्कूल कर दिया गया।