स्टार्टअप्स के लिए सरकार के फंड ऑफ फंड्स स्कीम (FFS) के अच्छे नतीजे मिले हैं। FFS से इंडिया के 18 यूनिकॉर्न को पैसे मिले हैं। इनमें ShareChat, Lenskart, Digit, Acko, Unacademy, Slice, DealShare, CureFit, Spinny, Mamaearth जैसे स्टार्टअप्स शामिल हैं। इंडिया में अभी 105 यूनिकॉर्न हैं। FFS की शुरुआत 2016 में 10,000 करोड़ रुपये से हुई थी। Small Industries Development Bank of India (SIDBI) की यह स्टार्टअप स्कीम इंडिया के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक लोकप्रिय लिमिटेड पार्टनर्स (LPs) बन गई है। इस स्कीम ने 75,000 करोड़ से ज्यादा घरेलू कैपिटल जुटाया है।
मदद हासिल करने वाले 11 फीसदी स्टार्टअप्स हेल्थकेयर सेक्टर के
एफएफएस स्कीम के जरिए जिन स्टार्टअप्स को मदद दी गई है, उनमें 11 फीसदी हेल्थकेयर/हेल्थ-टेक स्टार्टअप्स हैं। 6 फीसदी एग्रीकल्चर और एग्रीटेक स्पेस के हैं। इन स्टार्टअप्स में निवेश करने वाले ज्यादातर AIF इम्पैक्ट के स्टैंडर्ड पर विचार करते हैं। इस स्कीम से इनवेस्टमेंट मैनेजर्स को प्रोत्साहन मिला है। खासकर उन फंड मैनेजर्स को जिन्होंने अपना पहला फंड लॉन्च किया है।
छोटे शहरों के स्टार्टअप्स को मिली आर्थिक मदद
SIDBI ने जिन 129 फंडों में निवेश किया है, उनमें 46 इनवेस्टमेंट मैनेजर्स की तरफ से किए पहले स्टार्टअप्स हैं। सिडबी ने बताया कि टियर 1 शहरों से अलग अब तक 129 स्टार्टअप्स को निवेश मिला है। उन्हें 1,590 करोड़ रुपये का फंड मिला है। एफएफएस की वजह से टियर 1 शहरों से अलग इंडिया में इंडस्ट्री के हिसाब से डील से जुड़ी गतिविधियां बढ़ी हैं। वित्त वर्ष 2017 में इन शहरों में 38 डील हुई थी, जो वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 97 हो गईं।
बजट 2024 में एफएफएस के घटा है आवंटन
इस साल के बजट में सिडबी के फंड ऑफ फंड्स स्कीम के लिए बजट घटा है। इस स्कीम के लिए आवंटन घटाकर 1,200 करोड़ रुपये कर दिया गया है। पिछले साल बजट में इस स्कीम के लिए 1,470 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने के दौरान कहा था कि स्टार्टअप क्रेडिट गारंटी और सिडबी के फंड ऑफ फंड्स स्कीम से देश में रोजगार के मौके पैदा करने में मदद मिली है।
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