मुंबई/ नयी दिल्ली । इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने संशोधित उड़ान ड्यूटी मानकों के चरणबद्ध क्रियान्वयन के लिए नियामक से अधिक समय देने की मांग की है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। एयरलाइंस ने चालक दल की जरूरतों में बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए पायलटों के बीच थकान की निगरानी के लिए थकान जोखिम प्रबंधन प्रणाली लागू करने की जरूरत पर बल दिया है। सूत्रों ने कहा कि एयरलाइन कंपनियों ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को सूचित किया है कि संशोधित उड़ान ड्यूटी मानकों को जल्द-से-जल्द जून, 2025 से चरणबद्ध ढंग से लागू किया जा सकता है।
हालांकि, इन मानकों को इस साल जून से ही लागू होना था लेकिन एयरलाइन कंपनियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए इसकी समयसीमा आगे बढ़ा दी गई थी। इस बीच, सूत्रों ने कहा कि पायलटों के तीन संगठनों ने डीजीसीए से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि नए नियम 15 फरवरी से पूरी तरह से लागू हो जाएं। पायलट संगठनों का कहना है कि फरवरी के मध्य तक कोहरे का मौसम समाप्त हो जाएगा। उनका मानना है कि जिस प्रावधान के तहत मानदंडों को संशोधित किया गया है, वह थकान जोखिम प्रबंधन प्रणाली (एफआरएमएस) से स्वतंत्र है और दोनों को एक साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
डीजीसीए की संशोधित उड़ान ड्यूटी समयसीमा (एफडीटीएल) का मामला दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष है, जो भारतीय पायलट गिल्ड, भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ और भारतीय पायलट संघ द्वारा दायर संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। न्यायालय के निर्देश के बाद 18 दिसंबर को डीजीसीए ने एक बैठक बुलाई थीजिसमें एयरलाइंस, पायलट संगठनों और नागर विमानन मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। संशोधित मानदंडों पर मतभेद ऐसे समय में सामने आए हैं जब एयरलाइंस अपने बेड़े और नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं। ऐसी स्थिति में बढ़ती हवाई यातायात मांग को पूरा करने के लिए अधिक पायलटों की जरूरत होगी।