जब कोई महिला मां बनती है उसकी केयर में पूरा परिवार जुट जाता है। आप ने भी कई बार अपने आसपास सुना होगा कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को हेल्दी फूड्स खाने चाहिए, जिनसे बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर हो सके है। वहीं जब घर में किलकारी गूंजती है तो माता-पिता के साथ परिवार वाले बच्चे के मुंह से पहला शब्द सुनने के लिए बेकरार रहते हैं। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि बच्चा समय से बोलना शुरू नहीं करता है, जिससे माता-पिता परेशान हो जाता है। अगर आपका बच्चा भी बोलने में देरी (How to get your baby talking) कर रहा है तो इस लेख में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अछल्दा के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर गौरव कुमार बच्चे को बोलना सिखाने में मदद करने के लिए कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें फॉलो करके आपको लाभ मिल सकता है।
बच्चे को बोलना सिखाने के लिए टिप्स – How To Encourage Baby To Talk In Hindi
1. धीरे बोलें – Speak Slowly
बच्चे को बोलना सिखाना चाहते हैं तो उससे धीरे-धीरे बात करें ताकि बच्चा आपकी आवाज को समझ सके। बच्चे के सामने कभी भी तेज आवाज में और जल्दबाजी में न बोलें। ऐसा करने से बच्चा डरने लगता है। अपने शिशु के सामने आप स्पष्ट और साफ आवाज में बोलें। इससे शिशु को ध्वनि (sound) का अनुभव होगा।
2. बच्चे के सामने साफ-साफ बोलें – Speak Clearly
कई बार परिवार वालों और माता-पिता को लगता है कि बच्चे के सामने उसकी ही भाषा में बोलने से वह समझने लगेगा। ऐसा करना सही नहीं है, अगर आप बच्चे के सामने गलत बोलेंगे तो इससे बच्चा कुछ भी नहीं सीखेगा। बच्चे को बोलना सिखाने के लिए आप उससे साफ-साफ भाषा में धीरे-धीरे बातें करें। ऐसा करने से बच्चा भी बोलने की कोशिश करेगा।
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3. एक शब्द पर फोकस करें – Focus On Single Words
बच्चे के सामने एक ही शब्द को बार-बार बोलें ताकि बच्चा उस शब्द को समझ सकें और अपनी भाषा में उसे बोल सके। एक साथ अगर आप उसे कई अलग-अलग शब्द सिखाएंगे तो वह सही से बोलना शुरू नहीं कर पाएगा।
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4. गाना गाएं – Sing Song
बच्चों के सामने कविता और बच्चों वाले गाने गाएं। बच्चों के लिए गानों का प्रयोग करके उनके भाषा विकास को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
5. वस्तुओं और लोगों के नाम बताएं
बच्चे के सामने उसके खिलौनों और उसकी पसंदीदा चीजों के नाम को दोहराएं। ऐसा करने से बच्चा जल्दी बोलना शुरू कर सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि वह अपनी पसंदीदा चीज को पाने के लिए खुद से नाम पुकारने की कोशिश करना शुरू कर सकता है।
बता दें कि आज के समय में बच्चों के देरी से बोलने की एक वजह न्यूक्लियर फैमली भी है। न्यूक्लियर फैमली में अगर माता-पिता दोनों वर्किंग हैं तो बच्चा अकेला महसूस करने लगता है और उससे दिनभर बात करने वाला भी कोई नहीं होता है। जिसके कारण बच्चा देरी से बोलता है।
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