नेगेटिव लीप सेकंड – Drishti IAS


नेगेटिव लीप सेकंड

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में ग्लेशियर तथा हिम परत तेज़ी से पिघल रही हैं, जिससे पूरे ग्रह पर दबाव का पुनर्वितरण हो रहा है एवं पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना थोड़ा धीमा हो गया है।

  • पृथ्वी कुछ दशकों से सामान्य से थोड़ी तेज़ी से घूम रही है।
  • टाइमकीपरों ने पृथ्वी की घूर्णन गति में इस वृद्धि को समायोजित करने के लिये विश्व भर की घड़ियों में एक अतिरिक्त “लीप सेकंड” जोड़ा है उन्होंने 1970 के दशक से ऐसा 27 बार किया है।
    • इस लीप सेकेंड को वर्ष 2026 में पहली बार हटाने की योजना थी, इस परिवर्तन को उन्होंने “नेगेटिव लीप सेकेंड” कहा।

  • हाल के अध्ययन के अनुसार, अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड से बर्फ के पिघलने में तेज़ी ने एक ब्रेक की तरह काम किया है, जिससे घूर्णन धीमा हो गया है तथा संभावित रूप से वर्ष 2029 या उसके बाद तक “नेगेटिव लीप सेकंड” समायोजन की आवश्यकता में देरी हो रही है।

और पढ़ें: IPCC रिपोर्ट और जलवायु परिवर्तन शमन में समानता

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