नई दिल्ली2 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने फेस्टिव सीजन में प्लेटफॉर्म फीस 7 रुपए से बढ़ाकर 10 रुपए कर दी है। कंपनी ने ऐप नोटिफिकेशन में इसकी जानकारी दी।
कंपनी ने आज यानी 23 अक्टूबर को ऐप नोटिफिकेशन में कहा- ‘यह शुल्क हमें जोमैटो को चालू रखने के लिए अपने बिलों का भुगतान करने में मदद करेगा। त्योहारी सीजन के दौरान सर्विसेस को बनाए रखने के लिए, इसमें थोड़ी बढ़ोतरी की गई है।
जोमैटो ने 2 रुपए से की थी प्लेटफॉर्म फीस की शुरुआत अगस्त 2023 में, ज़ोमैटो ने अपने मार्जिन को बढ़ाने और प्रॉफिटेबल बनने के लिए 2 रुपए का प्लेटफॉर्म शुल्क शुरू किया था। कंपनी ने बाद में इसे बढ़ाकर 3 रुपए कर दिया और 1 जनवरी को 4 रुपए कर दिया। फिर इसे धीरे-धारी बढ़ाकर 7 रुपए कर दिया था।
प्लेटफॉर्म फीस हर एक फूड ऑर्डर पर लागू होने वाला ऐडिशनल चार्ज हैं। ये GST, रेस्तरां चार्ज और डिलीवरी फीस से अलग है। ये प्लेटफॉर्म प्रति दिन 20 से 25 लाख ऑर्डर डिलीवर करता है।
जोमैटो का शेयर करीब 2% चढ़कर 262 रुपए पर पहुंचा प्लेटफॉर्म फीस में बढ़ोतरी की खबर के बाद आज जोमैटो के शेयर में करीब 2% की तेजी है। ये 262 रुपए के करीब कारोबार कर रहा है। कंपनी के शेयर ने एक साल में 140% का रिटर्न दिया है। वहीं इस शेयर दोगुना से ज्यादा बढ़ चुका है।
जोमैटो का मुनाफा 388% बढ़ा फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो का जुलाई-सितंबर तिमाही में मुनाफा सालाना आधार पर 388% बढ़कर 176 करोड़ रुपए हो गया है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 36 करोड़ रुपए था।
जोमैटो ने मंगलवार, 22 अक्टूबर को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए। कंपनी का दूसरी तिमाही में रेवेन्यू 68.50% बढ़कर 4,799 करोड़ हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही में रेवेन्यू 2,848 करोड़ रुपए था।
कंसॉलिडेटेड मुनाफा मतलब पूरे ग्रुप का प्रदर्शन कंपनियों के रिजल्ट दो भाग में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है, जबकि कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।
यहां, जोमैटो की ब्लिंकिट समेत 28 सब्सिडियरी, 1 ट्रस्ट और 1 एसोसिएट कंपनी हैं। इन सभी के फाइनेंशियल रिपोर्ट को मिलाकर कंसॉलिडेटेड कहा जाएगा। वहीं, अगर ब्लिंकिट के अलग रिजल्ट को स्टैंडअलोन कहा जाएगा।
दीपिंदर ने 2008 में बनाई थी फूडीबे, फिर नाम बदल कर जोमैटो किया
- दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा ने मिलकर साल 2008 में फूडीबे नाम से अपनी फूड डायरेक्टरी वेबसाइट लॉन्च की थी। केवल नौ महीनों में, FoodieBay दिल्ली NCR में सबसे बड़ी रेस्तरां डायरेक्टरी बन गई।
- दो सक्सेसफुल साल के बाद 2010 में, कंपनी का नाम बदलकर जोमैटो कर दिया गया। दिल्ली-NCR में अपनी सफलता के तुरंत बाद कंपनी ने पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे शहरों में ब्रांच फैलानी शुरू कर दी।
- 2012 तक जोमैटो ने श्रीलंका, UAE, कतर, दक्षिण अफ्रीका, UK और फिलीपींस में अपनी सर्विसेज बढ़ाकर विदेशों में विस्तार करना शुरू कर दिया था। 2013 में न्यूजीलैंड, तुर्की और ब्राजील को इस लिस्ट में जोड़ा गया।
- जोमैटो देश का पहला फूडटेक यूनिकॉर्न है। 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा वैल्यू वाले स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कहा जाता है। जोमैटो ने पहली बार फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही में 2 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था।
- जोमैटो एक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है जो ग्राहकों, रेस्तरां पार्टनर्स और डिलीवरी पार्टनर्स को जोड़ता है। फूड डिलीवरी के अलावा ग्रॉसरी डिलीवरी के लिए जोमैटो के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने अगस्त 2022 में ब्लिंकिट खरीदा था।