ज्यादातर महिलाएं ओवरथिंकिंग से परेशान होती हैं। ऐसा नहीं है कि वे जान बूझकर लगातार किसी बात को सोचती रहती हैं, बल्कि लगातार काम के दबाव, उन्हें पूरा करने की तैयारी और तनाव के कारण उनका मस्तिष्क उन्हें रिलैक्सिंग मोड में नहीं जाने देता। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो इन योगासनों का अभ्यास आपको कुछ राहत दे सकता है।
व्यायाम शरीर की मांसपेशियों की मज़बूती बढ़ाने के लिए बेहतरीन विकल्प है। मगर मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए योगाभ्यास बेहद कारगर साबित होता है। इससे न केवल मन में उठने वाले विचारों को नियंत्रित किया जा सकता है बल्कि काॅग्नीटिव हेल्थ भी इंप्रूव होने लगती है। वे लोग जो बात-बात पर गंभीर सोच, गुस्सा और तनाव का सामना करते है,उन्हें कुछ खास योगासनों को करने से खुद पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद मिलती है। वर्कप्रेशर बढ़ने से ज्यादातर लोग ओवरथिंकिंग, निराशा, उदासी और अकेलेपन का सामना करने लगते हैं। अगर आप भी ओवरथिंकिंग से परेशान हैं और ठीक से रिलैक्स नहीं कर पा रहे हैं, तो यहां कुछ योगासन (yoga asanas to stop overthinking) दिए गए हैं, जो आपको ओवरथिंकिंग से राहत देने में मददगार साबित हो सकते हैं।
क्या हैं ओवरथिंकिंग के कारण (Causes of overthinking)
युनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के अनुसार पुरूषों की तुलना में महिलाएं अधिक मात्रा में ओवरथिंकिंग का शिकार होती हैं। जहां पुरूषों का आंकड़ा 43 फीसदी है, तो महिलाएं 57 फीसदी इस समस्या से ग्रस्त रहती हैं। एक अन्य रिसर्च के अनुसार अधिकतर ओवरथिंक करने की समस्या 25 से 35 उम्र के लोगों में पाया जाता है।
योग एक्सपर्ट भावना जपत्यानी कि दिनभर बढ़ने वाली एंग्ज़ाइटी ओवरथिकिंग का कारण साबित होती है। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होने लगता है। इससे स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने लगता है, जिससे हार्मोनल इंबैलेंस का सामना करना पड़ता है। इससे व्यक्ति हर बात को गंभीरता से लेन लगता है, जिससे तनाव का सामना करना पड़ता है। ओवरथिंकिंग से बचने के लिए योगासनों का अभ्यास शरीर को फायदा पहुंचाता है।
ओवरथिंकिंग दूर करने के लिए योगासन (Yoga asanas to stop overthinking )
1. बद्ध कोणासन (Bound angle pose)
इसका अभ्यास करने से स्ट्रेस को दूर करने में मदद मिलती है। साथ ही लोअर बैक मसल्स रिलैक्स होने लगते है। इसका रोज़ाना अभ्यास करने से अनचाही थकान और अनिद्रा से भी बचा जा सकता है।
ओवरथिंकिंग से राहत पाने के लिए इस तरह करें बद्ध कोणासन
- इस योगासन को करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और पीठ को सीधा कर लें।
- अब टांगों को घुटनों से मोड़ते हुए थाइज़ के नज़दीक लेकर आएं।
- दोनों पैरों को जोड़कर हाथों से पैरों को पकड़ लें और एड़ियों को दबाएं।
- योगाभ्यास के दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें। 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस मुद्रा में बैठें और अभ्यास करें।
2. बालासन (Child pose)
ब्रेन में ब्लड के सर्कुलेशन को बढ़ाने के लिए ये योगासन बेहद कारगर है। इसे करने से मेंटल हेल्थ मज़बूत बनती है और ओवरथिकिंग की समस्या भी हल होने लगती है। इससे मसल्स स्ट्रेच होते हैं, जिससे आॅक्सीजन का प्रवाह बना रहता है।
ओवरथिंकिंग से राहत पाने के लिए इस तरह करें बालासन
- इस योगासन को करने के लिए गहरी सांस लें और घुटनों के बल मैट पर बैठ जाएं।
- अब दोनों बाजूओं को उपर की ओर लेकर जाएं। अब सांस छोड़ते हुए बाजूओं को नीचे लाएं।
- फिर शरीर को आगे की ओर झुकाते हुए बाजूओं को आगे की ओर रखें। सांस पर नियंत्रण बनाए रखें।
- नियमित रूप से दिन में दो बार इस योगासन का अभ्यास करें।
3. अंजनेयासन (Crescent lung pose)
इसे क्रिसेंट लंग पोज़ भी कहा जाता है। इसे करने से हैमस्ट्रिंग्स को मज़बूती मिलती है, जिससे शरीर में लचीलापन बनी रहता है। इसके अभ्यास से सर्दी के मौसम में सर्द हवाओं से मांसपेशियों में बढ़ती स्टिफनेस कम होने लगती है। व्यक्ति दिन भर तनाव से दूर रहता है।
ओवरथिंकिंग से राहत पाने के लिए इस तरह करें अंजनेयासन
- इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधा खड़े हो जाएं और कमर को सीधा कर लें।
- अब घुटनों को मोड़ते हुए दाई टांग को पीछे की ओर लेकर जाएं।
- उसके बाद दोनों बाजूओं को उपर रखें और नमस्कार की मुद्रा बना लें। इस दौरान बाई टांग को घुटने से मोड़ कर रखें।
- दाई टांग को अग आगे लेकर आएं, फिर बाई टांग को पीछे ले जाएं।
4. सुप्त मत्स्येन्द्रासन (Supine gentle twist)
भावनात्मक मज़बूती पाने के लिए इस योगासन का अभ्यास करें। इससे पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आने लगता है। साथ ही मस्तिष्क में ब्लड का सर्कुलेशन भी बढ़ने लगता है। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य उचित बना रहता है।
ओवरथिंकिंग से राहत पाने के लिए इस तरह करें सुप्त मत्स्येन्द्रासन
- मैट पर सीधे लेट जाएं और पीठ को एकदम सीधा करके रखें।
- अब दाई टांग को बाई टांग के उपर से लेकर जाते हुए जमीन पर रखें।
- इस दौरान दोनों हाथों को फैलाकर रखें। अब बाएं हाथ से दाई टांग को पकड़कर रखें। ससे शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है।
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