स्टैमिना और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने के लिए करें ये 6 योगासन | yoga asanas for increasing stamina and flexibility in hindi


वर्तमान समय में ज्यादातर लोग इनएक्टिव लाइफस्टाइल फॉलो कर रहे हैं, जिसमें वह एक ही जगह पर बैठकर घंटों तक काम करते हैं और बाजार में मिलने वाला पैक्ड फूड खाना पसंद करते हैं। अगर आप भी ऐसी ही लाइफस्टाइल इंजॉय कर रहे हैं तो समय रहते संभल जाइए। ऐसा इसलिए, क्योंकि इनएक्टिव लाइफस्टाइल और खराब खानपान का बुरा असर शरीर पर पड़ता है, जिससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। जब व्यक्ति एक ही जगह पर बैठकर लंबे समय तक काम करता है तो इससे शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी कम होती है। सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि आप हेल्दी डाइट फॉलो करें और रोजाना योग का अभ्यास करें। इस लेख में नोएडा के योसोम योग स्टूडियो के योग शिक्षक रजनेश शर्मा स्टैमिना और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने के लिए कुछ योगासन के बारे में बता रहे हैं, जिनका नियमित अभ्यास करने से आपको लाभ मिल सकता है।

स्टैमिना बढ़ाने के लिए कौन सा योगासन करें? – Which Yoga Is Best For Increasing Stamina

1. गोमुखासन – Gomukhasana

गोमुखासन को ‘Cow Face Pose’ के नाम से भी जाना जाता है, यह एक प्रभावी योगासन है जिसके नियमित अभ्यास से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिलती है और शरीर में स्टैमिना बढ़ता है। गोमुखासन का अभ्यास करने से कंधों और बाहों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और लचीलापन बढ़ता है। इसके साथ ही इस आसन का अभ्यास करने से पीठ के निचले हिस्से में खिंचाव आता है, जिससे दर्द में राहत मिलती है।

2. उष्ट्रासन – Ustrasana

उष्ट्रासन को ‘Camel Pose’ भी कहा जाता है, इसका अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी, छाती और पेट की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और लचीलापन आता है। इस आसन के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी के चारों ओर की मांसपेशियों में खिंचाव होता है, जिससे दर्द की समस्या कम होती है। उष्ट्रासन मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में सहायक होता है, इसके साथ ही यह कब्ज, गैस और अन्य पाचन समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।

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3. धनुरासन – Dhanurasana

धनुरासन को ‘Bow Pose’ भी कहा जाता है, इसका अभ्यास करने से शरीर की मांसपेशियों खिंचाव आता है, जिससे यह मजबूत होती हैं। इसका नियमित अभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। धनुरासन शरीर की मुद्रा (पॉस्चर) को सुधारने में मदद करता है, इसके साथ ही यह आसन छाती को खोलता है और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है।

फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने के लिए कौन सा योगासन करें? – Which Asana Is Best For Flexibility

1. पार्श्वोत्तानासन – Parsvottanasana

पार्श्वोत्तानासन को ‘Intense Side Stretch Pose’ भी कहा जाता है। इस योगासन के अभ्यास से शरीर का लचीलापन और संतुलन बढ़ता है। यह आसन विशेष रूप से कूल्हों, और रीढ़ की हड्डी के लिए लाभकारी है। पार्श्वोत्तानासन पैरों को मजबूत और लचीला बनाता है, जिससे शरीर का बैलेंस सही रहता है। इसके अलावा पेट की मांसपेशियों को टोन करता है और पाचन तंत्र को सुधारता है।

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2. बिटिलासन मार्जरीआसन – Bitilasana Marjaryasana

बिटिलासन मार्जरीआसन को ‘Cat-Cow Stretch’ भी कहा जाता है। इसका नियमित अभ्यास करने से शरीर का लचीलापन बढ़ता है और शरीर एनर्जेटिक महसूस करता है। इस आसन के अभ्यास शरीर शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर होता है, बिटिलासन-मर्जरीआसन मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में भी सहायक होता है।

3. उपविष्ठ कोणासन – Upavistha Konasana

उपविष्ठ कोणासन एक प्रभावी योगासन है जो शरीर में लचीलापन, संतुलन और मानसिक शांति को बढ़ाता है। इसका नियमित अभ्यास पैरों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है, पाचन तंत्र को सुधारता है और तनाव को कम करता है। इसे अपने योग अभ्यास में शामिल करें और लाभ उठाएं।

अगर आप इन योगासन का अभ्यास पहली बार कर रहे हैं तो योग एक्सपर्ट की निगरानी में करें, जिससे कि किसी भी प्रकार की चोट न लगे।

All Images Credit- Freepik

 



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