सिडेंटरी लाइफस्टाइल वजन बढ़ाने से पहले आपके मेटाबॉलिज्म को ठप करता है। जिससे आप पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करने लगती हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो योगाभ्यास में देरी नहीं करनी चाहिए।
दिनभर काम करने के साथ बैठे बैठे मंचिग करना पेट की सेहत को नुकसान पहुंचाने लगता है। दरअसल, लंबे वक्त तक लगातार बैठकर काम करने से पीठ में अकड़ान आने के अलावा अनहेल्दी खाने से पाचनतंत्र संबधी समस्याएं भी शरीर को घेरने लगती है। नतीजन व्यक्ति को पेट में दर्द, ब्लोटिंग, एसिडिटी और अपच से गुज़रना पड़ता है, जो कमज़ोर गट हेल्थ का संकेत हैं। पेट संबधी समस्याओं से राहत पाने के लिए योगाभ्यास बेहतरीन उपाय है। इससे शरीर को लाभ मिलता है और गट हेल्थ को मज़बूती मिलती है। जानते हैं गट हेल्थ की मज़बूती बनाए रखने के लिए किन योगासनों को बनाएं दिनचर्या का हिस्सा (Yoga poses to improve gut health)।
गट हेल्थ को मज़बूत बनाने के लिए इन योगासनों को करें रूटीन में शामिल
1. पार्श्व सुखासन (Seated side bend pose)
गट हेल्थ को मज़बूत बनाए रखने के लिए पार्श्व सुखासन का नियमित अभ्यास करें। इससे पेट की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होने लगता है, जिससे डाइजेशन को मज़बूती मिलने लगती है और शरीर हेल्दी बना रहता है। पेट संबधी समस्याओं से भी राहत मिल जाती है।
इसे करने की विधि
इस योगासन को करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और अपनी पीठ को एकदम सीधा कर लें।
अब दाएं पैर को बाई थाइज़ पर टिकाएं और बाएं पैर को दाईं थाइज़ पर रखकर गहरी सांस लें।
अब दोनों बाजूओं को उपर की ओर लेकर जाएं और नमकस्कार की मुद्रा बना लें।
इसके बाद दोनों हाथों को नीचे लाकर दाएं हाथ से दाहिने पैर को पकड़ लें और सांस को छोड़ें।
उसके बाद बाई बाजू को उपर की ओर लेकर जाएं और कमर को दाईं ओर झुका लें।
इसके बाद अब दाईं बाजू को उपर लेकर जाएं और बाईं ओ झुकें।
2. अर्ध मत्स्येंद्रासन (Seated twist)
इस योगासन का नियमित अभ्यास शरीर में लचीलापन बढ़ाता है। इससे पाचन संबधी समस्याएं दूर होती हैं और आंत के स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने में मदद मिलती है। इसे करने के दौरान पेट के मसल्स में खिंचाव बढ़ता है, जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित तरीके से होने लगता है।
इसे करने की विधि
इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे बैठ जाएं और दोनों टांगों को सीधा कर लें।
अब दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ लें और रीढ़ की हड्डी को एक दम सीधा करके रखें।
दाई टांग को बाएं हिप के नीचे ले आएं और दाई टांग को घुटने से मोड़े हुए जमीन पर टिकाकर रखें।
बाएं हाथ से दाहिने पैर की उंगलियों को छुएं और दाएं हाथ से बाएं पैर की उंगलियां पकड़ें।
30 सेकण्ड तक इस योगासन का अभ्यास करने से शरीर को फायदा मिलने लगता है।
3. अपानासन (Knee to chest pose)
पेट के निचले हिस्से में होने वाली ऐंठन व दर्द से बचने के लिए इस योगासन को अपनाएं। इसके अलावा वे लोग जिनकी टांगों में दर्द की समस्या बनी रहती है। वे भी इस योगासन को नियमित रूप से करें। पेट के मसल्स को मज़बूती प्रदान करने वाले इस योगासन से शरीर स्वस्थ बना रहता है।
इसे करने की विधि
इस योगासन को करने के लिए पीठ के बल मैट पर लेट जाएं और अपनी सांस पर ध्यान केन्द्रित करें।
दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ते हुए चेस्ट के पास लेकर आएं और दोनों हाथों से टांगों को पकड़ लें।
गहरी सांस लें और छोड़ें। शरीर को 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहने दें और आंखे बंद कर लें।
शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव अनुभव होने लगे, तो शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
4. भुजंगासन (Cobra pose)
सूर्य नमस्कार की सीरिज़ में आठवें स्थान पर किए जाने वाले भुजंगासन को करने से आंतों का स्वास्थ्य उचित बना रहता है। इससे पेट के निचले हिस्से के अलावा कंधों को भी मज़बूती मिलती है। इसे नियमित तौर पर करने से पेट संबधी समस्याओं से राहत मिलती है।
इसे करने की विधि
पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब गहरी सांस लें और शरीर के उपरी हिस्से को उपर उठाएं।
इस दौरान टांगों को सीधा रखें और दोनों पैरों के मध्य दूरी बनाकर चलें। बाजूओं के बल खड़े हों।
कमर तक शरीर को उंचा उठाएं और गर्दन को पीछे की ओर लेकर जाएं। गहरी सांस लें व छोड़ें।
शरीर को 30 सेकण्ड तक इस मुद्रा में रखने के बाद दोबारा से पेट के बल मैट पर लेटें और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
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