नासा ने बताया है कि सूर्यग्रहण के दौरान दिन के उजाले में बदलाव देखने को मिलेगा साथ ही तापमान में भी गिरावट आएगी। एजेंसी के अनुसार, ग्रहण के दौरान तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की उम्मीद की जा सकती है। यह डिपेंड करेगा कि उस जगह पर नमी कितनी है और बादल छाए हैं या नहीं।
ऐसा इसलिए होगा क्योंकि चंद्रमा, सूर्य की रोशनी को पृथ्वी पर पहुंचने से ब्लॉक कर देगा। सूर्य की किरणें पृथ्वी पर नहीं आएंगी तो उससे हीट कम होगी। नासा के अनुसार, सूर्यग्रहण का पाथ ऑफ टोटैलिटी (Path of Totality) यानी वो इलाके जहां पूरी तरह से अंधेरा होगा, ऐसा लगेगा कि दिन में ही शाम हो गई है।
सूर्यग्रहण का असर शहर-दर-शहर अलग-अलग होगा। कुछ इलाकों में आंशिक सूर्यग्रहण दिखेगा, जबकि कई जगह पूर्ण सूर्यग्रहण दिखेगा। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, कई अमेरिकी आउटलेट्स ने बताया है कि ग्रहण को देखने के उत्सुक लोग उन जगहों पर पहुंचना शुरू हो गए हैं, जहां इसका सबसे ज्यादा असर होगा।
इनमें मध्य टेक्सास का फ्रेडरिक्सबर्ग शहर भी शामिल है, जहां पूर्ण ग्रहण दिन में होने जा रहा है। भारतीय समय के अनुसार, ग्रहण की शुरुआत रात 9.30 बजे से होगी। हालांकि नासा के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर इसे रात 10.30 से दिखाया जाएगा। अमेरिका में लग रहे ग्रहण को 54 साल का सबसे अनोखा ग्रहण बताया जा रहा है।