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प्लास्टिक के कंटेनर सेहत के लिए होते हैं नुकसानदायक, जानें क्यों नहीं करना चाहिए इनका इस्तेमाल? | why should you not use plastic containers in your kitchen in hindi

bareillyonline.com by bareillyonline.com
12 June 2024
in बरेली न्यूज़
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प्लास्टिक के कंटेनर सेहत के लिए होते हैं नुकसानदायक, जानें क्यों नहीं करना चाहिए इनका इस्तेमाल? | why should you not use plastic containers in your kitchen in hindi
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Side effects plastic containers: प्लास्टिक आज लोगों की जरूरत बन चुका है। आजकल लोगों के खाने के कंटेनर से लेकर पानी की बोतल, किचन में सामान को स्टोर करने वाले डिब्बे और ट्रैवल के लिए बैग भी प्लास्टिक की होते हैं। खासकर मॉर्डन किचन में तो प्लास्टिक के शानदार लुक वाले कंटेनर ने अपनी जगह बना ली है। किचन में मौजूद ये प्लास्टिक के कंटेनर न सिर्फ देखने में सुंदर होते हैं, बल्कि इन्हें देखभाल की जरूरत भी कम होती है। इसलिए लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से खुलकर प्लास्टिक के कंटेनर का इस्तेमाल करते हैं। प्लास्टिक के कंटेनर दिखने में कितने भी सुंदर क्यों न लगे, लेकिन सेहत के लिहाज से बहुत ही ज्यादा नुकसानदायक होते हैं। मुंबई के लीलावती अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ हृषिकेश पाई के अनुसार, प्लास्टिक हर तरह से सेहत के लिए नुकसानदायक ही साबित होता है। अधिकांश प्लास्टिक में बिस्फेनॉल ए (BPA) और फथलेट्स जैसे हानिकारक केमिकल्स होते हैं। ये केमिकल्स शरीर के हार्मोनल संतुलन में बाधा डाल सकते हैं, जिससे प्रजनन संबंधी समस्याएं, मोटापा और यहां तक कि कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है। आइए जानते हैं हमें प्लास्टिक कंटेनर का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए और इससे सेहत को क्या नुकसान हो सकते हैं।

खाने में घुल सकता है प्लास्टिक

डॉक्टर के अनुसार, जब हम प्लास्टिक के कंटेनर, स्टोरेज बॉक्स, चम्मच और प्लेट का इस्तेमाल करते हैं। तब प्लास्टिक के एक केमिकल की परत खाने में घुल जाती है। इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि जब हम प्लास्टिक के कंटेनर में खाने को गर्म करते हैं, तो इससे केमिकल के रिसाव की प्रक्रिया तेज हो जाती है। खासकर माइक्रोवेव में प्लास्टिक के बर्तन रखने पर प्लास्टिक वाले केमिकल का रिसाव ज्यादा होता है और यह खाने में घुल जाता है। जाहिर सी बात है जब हम यह खाना खाते हैं, तो प्लास्टिक के कण आंत या गले की नली में जम जाते हैं, जिसकी वजह से स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।

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पर्यावरण के लिए हानिकारक है प्लास्टिक

मानव जीवन के अलावा किचन से निकलने वाला प्लास्टिक का कचरा पर्यावरण प्रदूषण के लिए भी परेशानी वाली बात है। प्लास्टिक बैग, रैप और सिंगल यूज बोतल का इस्तेमाल पर्यावरण और समुद्री जीव-जंतुओं के लिए गंभीर पैदा कर सकते हैं। हालही में हुई एक रिसर्च में यह बात सामने आई थी कि प्लास्टिक समय के साथ छोटे कणों में टूट जाते हैं, जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक के रूप में जाना जाता है। माइक्रोप्लास्टिक मिट्टी में मिलकर जीव-जंतुओं को नुकसान पहुंचाती हैं।

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प्लास्टिक के बर्तन और कंटेनर से होने वाली बीमारियां

डॉक्टर के अनुसार, प्लास्टिक के बर्तन और कंटेनर का इस्तेमाल करने की वजह से कई बीमारियों का खतरा रहता है।

1. डायबिटीज

प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल करने की वजह से डायबिटीज का खतरा ज्यादा रहता है। दरअसल, प्लास्टिक को बनाने के लिए जिस तरह के केमिकल का इस्तेमाल होता है, उससे शरीर में ब्लड शुगर का लेवल तेजी से बढ़ता है। जो लोग ज्यादा प्लास्टिक से बनी चीजों का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें डायबिटीज का खतरा ज्यादा रहता है।

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2.  अस्थमा

जिन लोगों को सांस से जुड़ी बीमारी है या किसी को सांस लेने में तकलीफ होती है। ऐसे लोगों के लिए प्लास्टिक से बनीं चीजों का इस्तेमाल करना ज्यादा खतरनाक है। प्लास्टिक से बनीं टीजों में फेथलेट केमिकल पाया जाता है। यह केमिकल अस्थमा का मुख्य कारण बनता है। डॉक्टर के अनुसार इस केमिकल के कारण सांस की नली में सूजन का खतरा भी होता है।

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3. ब्लड प्रेशर

प्लास्टिक में बिस्फेनॉल ए (बीपीए) जैसे केमिकल का इस्तेमाल ज्यादा मात्रा में किया जाता है। बीपीए के कारण एस्ट्रोजन हार्मोन प्रभावित होता है। इसकी वजह से ब्लड प्रेशर और हार्ट प्रॉब्लम का खतरा होता है।

इसके अलावा प्लास्टिक का इस्तेमाल करने की वजह से कैंसर, ब्रेन डैमेज और थायराइड जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ का कहना है कि रोजमर्रा की लाइफस्टाइल में प्लास्टिक कंटेनर का इस्तेमाल करने की बजाय स्टील और कांसे के बर्तनों का इस्तेमाल करना ज्यादा सही है।

All Image Credit: Freepik.com

 

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