डेंगू के मामले पिछले कुछ समय से तेजी से पैर पसार रहे हैं। 16 मई यानि आज देश में राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जा रहा है। इस दिवस को मनाकर लोगों में डेंगू के प्रति जागरुकता फैलाई जाती है। डेंगू से निजात पाने के लिए अभी तक देश में कोई ठोस हथियार नहीं बन पाया है। बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने डेंगू की दूसरी वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। अमेरिका में डेंगू के कहर के बीच संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने जापानी फार्मास्युटिकल टाकेडा कंपनी द्वारा बनाई गई डेंगू वैक्सीन को मंजूरी दे दी है।
TAK-003 को मिली मंजूरी
यह डेंगू का दूसरा ऐसा टीका है, जिसे डब्ल्यूएचओ द्वारा मंजूरी दी गई है। TAK-003 वैक्सीन में सीरोटाइप के कमजोर संस्करण होते हैं, जो वास्तव में डेंगू का कारण बनते हैं। यही नहीं, यह वैक्सीन डेंगू के अन्य वेरिएंट और नए स्ट्रेन को देखते हुए बनाई गई है। वैक्सीन आने के बाद से डेंगू के कम होने और बचाव की उम्मीद लगाई जा रही है। इसपर हुई स्टडी के मुताबिक TAK-003 लोगों में डेंगू के लक्षणों को रोकने में 61 प्रतिशत तक कारगर साबित हो सकती है। वहीं, कुछ गरीब देशों में यह वैक्सीन उपलब्ध कराई जा सकती है।
किस उम्र के लोग लगवा सकते हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो TAK-003 को दो खुराक में बनाया गया है। डब्लूएचओ के मुताबिक इस वैक्सीन की दोनों खुराकों के बीच 3 महीनों का अंतराल रहना जरूरी है। वहीं, इस वैक्सीन को 6 साल से लेकर 16 सालों तक की उम्र के बच्चों को लगवाने की सलाह दी जा रही है। इस तरह से लगवाए जाने पर वैक्सीन का अच्छा असर देखने को मिल सकता है।
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हर साल होती है इतने लोगों की मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक डेंगू अब एक ऐसा वायरस बन चुका है, जिसका खतरा दुनिया की आधी आबादी को है। हर साल 100 से 400 मिलियन लोग डेंगू की चपेट में आते हैं। जिसके चलते सैकड़ों लोगों की मौत तक होती है। यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के मुताबिक साल 2023 में डेंगू से दुनियाभर में 600 मौतें हुई था।