श्वसन संबंधी रोग दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौती बनकर उभरा है। इससे हर वर्ष लाखों लोगों का जीवन प्रभावित होता है। हालांकि, यह समस्या किसी को भी प्रभावित कर सकती हैं। लेकिन, कुछ व्यक्तियों को हल्के संक्रमण के कारण भी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। श्वसन संबंधी समस्याओं में व्यक्ति के फेफड़ों की कार्यक्षमता धीरे-धीरे (Risk Of Respiratory Disease) कम होने लगती है। इसके वजह से रोगी को सांस लेने में परेशानी होती है और उसको ऑक्सीजन की कमी के चलते हमेशा थकान बनी रह सकती हैं। इस लेख धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के पल्मोनोलॉजी और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर नवनीत सूद से जानेगें कि किन लोगों को श्वसन संबंधी रोग होने का जोखिम अधिक होता है।
इन लोगों को रहता है फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां होने का अधिक जोखिम – Who Is At High Risk Of Respiratory Disease In Hindi
बुजुर्ग को होता है जोखिम
उम्र बढ़ना श्वसन प्रणाली में बदलावों का कारण बन सकता है। इसमें फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी और श्वसन तंत्र की मांसपेशियों का कमजोर होना शामिल है। उम्र से संबंधित ये परिवर्तन बुजुर्ग व्यक्ति को इन्फ्लूएंजा, निमोनिया और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसे श्वसन संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बनाते हैं। ऐसे में फेफड़ों से जुड़ी बीमारी का जोखिम अधिक बढ़ जाता है।
बच्चे
शिशु और बच्चों को फेफड़ों से जुड़े रोगों का जोखिम अधिक होता है। उनकी विकासशील प्रतिरक्षा प्रणालियां संक्रमणों से लड़ने में पूरी तरह सक्षम नहीं होती हैं, जिससे वह श्वसन संबंधी वायरस जैसे रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी), इन्फ्लूएंजा और एडेनोवायरस के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं।
किसी तरह का रोग होना
जिन लोगों को पहले से ही अस्थमा, सीओपीडी, सिस्टिक फाइब्रोसिस और हृदय रोग जैसी समस्याएं होती है, उनको फेफड़ों से जुड़े रोग होने का जोखिम अधिक होता है। यह कारक फेफड़ों की कार्यप्रणाली पर बुरा असर डाल सकते हैं। साथ ही, यह इम्यून सिस्टम को भी कमजोर कर सकते हैं।
धूम्रपान करना
जो लोग नियमित रूप से सिगरेट पीते हैं उनको फेफड़ों से जुड़ी समस्या का जोखिम सबसे अधिक होता है। सिगरेट के तंबाकू के हानिकारक केमिकल श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं और यह फेफड़ों की कार्यप्रणाली को भी खराब कर सकते हैं।
व्यावसायिक एक्सपोजर
खनन, किसी निर्माण स्थल, केमिकल फैक्टरी और मेटल की फैक्टरी में काम करने वाले लोगों को दूषित वातावरण में सांस लेने की वजह से फेफड़ों से संबंधित होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में व्यक्ति को अस्थमा और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस जैसे रोग हो सकते हैं।
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Risk Of Respiratory Disease: इसके अलावा, कुछ लोगों के परिवार में फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है। फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं के पीछे कई कारण हो सकते हैं। समय रहते इन रोग की पहचान कर आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। डॉक्टर कुछ टेस्ट के बाद आपके फेफड़ों की स्थिति के आधार पर इलाज शुरु कर सकते हैं।