What Is Murine Typhus: म्यूरीन टाइफस एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो मुख्य रूप से पिस्सू (Flea) और चूहों से फैलता है। यह बीमारी रिकेट्सिया टायफी (Rickettsia Typhi) नाम के बैक्टीरिया के कारण होती है, जो संक्रमित चूहों के आंतों में पाई जाती है। जब चूहे के संक्रमित कीट, जैसे कि फ्लीज (Fleas), इंसान के शरीर पर चिपकते हैं, तो यह बैक्टीरिया मानव शरीर में प्रवेश कर जाता है और म्यूरीन टाइफस का कारण बनता है। हालांकि म्यूरिन टाइफस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। इस बीमारी का फिलहाल कोई टीका उपलब्ध नहीं है। इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का सहारा लिया जाता है। हाल ही में, वियतनाम और कंबोडिया की यात्रा कर लौटे केरल के एक 75 वर्षीय व्यक्ति को इस दुर्लभ जीवाणु रोग से संक्रमित पाया गया है। केरल के इस मरीज के मामले में, बीमारी की पहचान करने के लिए नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इस लेख में आपको विस्तार से बताएंगे म्यूरिन टाइफस के लक्षण, कारण, इससे आने वाला बुखार, इलाज और बचाव के उपाय। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।
म्यूरिन टाइफस के लक्षण- Murine Typhus Symptoms
म्यूरीन टाइफस (Murine Typhus) होने पर इंफेक्शन के लक्षण आमतौर पर इंफेक्शन के 1-2 हफ्तों के भीतर दिखाई देते हैं-
म्यूरिन टाइफस में तेज बुखार आता है- Murine Typhus Cause High Fever
डॉ राजेश ने बताया कि म्यूरीन टाइफस से होने वाला बुखार आमतौर पर अचानक शुरू होता है और तेज होता है। बुखार के साथ सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और कमजोरी जैसे लक्षण जुड़े होते हैं। यह बुखार कई दिन तक बना रह सकता है। म्यूरीन टाइफस होने पर बुखार 102-104 डिग्री तक पहुंच सकता है।
म्यूरिन टाइफस का कारण- Murine Typhus Cause
म्यूरीन टाइफस का मुख्य कारण रिकेट्सिया टायफी (Rickettsia Typhi) बैक्टीरिया है, जो पिस्सू (Flea) के कारण फैलता है। पिस्सू छोटे, पंखहीन कीड़े होते हैं। वे गहरे भूरे या काले रंग के होते हैं और उनका शरीर चपटा होता है। उनके छह पैर होते हैं। यह बैक्टीरिया आमतौर पर चूहों के मल या मूत्र से भी फैल सकता है। जब फ्लीज चूहे के रक्त को चूसते हैं, तो बैक्टीरिया उनके शरीर में जाता है और जब वे किसी इंसान के शरीर पर संक्रमण फैलाते हैं, तो व्यक्ति को म्यूरीन टाइफस हो जाता है।
म्यूरिन टाइफस का इलाज- Murine Typhus Treatment
डॉ राजेश ने बताया कि म्यूरीन टाइफस का इलाज जल्दी शुरू करने पर ज्यादा प्रभावी होता है। आमतौर पर, म्यूरिन टाइफस का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जाता है। अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह रोग गंभीर हो सकता है और कई समस्याओं को जन्म दे सकता है, जैसे कि फेफड़ों में संक्रमण या ब्लीडिंग की समस्या। रोगी की स्थिति को कंट्रोल करने के लिए बुखार को कम करने वाली दवाएं भी दी जाती हैं।
म्यूनिर टाइफस से कैसे बचें?- Murine Typhus Prevention
- घरों और आस-पास के इलाके में सफाई रखें। खाने की वस्तुओं को सुरक्षित रखें और कचरे को नियमित रूप से निकालें।
- चूहों के ठिकानों को खत्म करें। अगर चूहे दिखाई दें, तो उसे सुरक्षित तरीके से कंट्रोल करें।
- पालतू जानवरों को फ्लीज से बचाएं। वरना पालतू जानवरों के जरिए आपको भी इंफेक्शन हो सकता है।
- अपने हाथों को नियमित रूप से धोएं, खासकर जब आप बाहर से लौटें।
- जहां साबुन और पानी मौजूद नहीं है, वहां हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- झाड़ियों और ऊंची घास को काटें, जिससे चूहों के ठिकाने खत्म हो सकें।
म्यूरीन टाइफस एक गंभीर इंफेक्शन है, लेकिन सही जानकारी और सावधानियों के साथ इसे रोका जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति को म्यूरीन टाइफस के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से इलाज कराएं।
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