साल 1950, गर्मी का मौसम था। अमेरिका का एक नौजवान हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडमिशन के लिए पहुंचा। शिकागो में करीब 10 मिनट तक चले इंटरव्यू के बाद उससे कहा गया, ‘भूल जाओ, आप हार्वर्ड में नहीं पढ़ सकते।’
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इस रिजेक्शन के बाद उसने कोलंबिया बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर डेविड डोड को लेटर लिखा- ‘डियर प्रोफेसर डोड, मुझे लगा कि आपकी मृत्यु हो चुकी है, लेकिन आप कोलंबिया में पढ़ा रहे हैं। मैं भी आपसे पढ़ना चाहता हूं।’
लेटर पढ़कर प्रोफेसर डोड इतना खुश हुए कि उन्होंने तुरंत उस नौजवान को कोलंबिया बुला लिया। वहां इन्वेस्टमेंट के गुर सीखकर यह नौजवान दुनिया का सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट बैंकर वॉरेन बफेट बना। आज उनका 94वां जन्मदिन है।
कुल 11 लाख करोड़ की संपत्ति के साथ वह दुनिया के छठे सबसे अमीर शख्स हैं। इनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे ने एपल, कोका-कोला और बैंक ऑफ अमेरिका समेत 41 कंपनियों में करीब 24 लाख करोड़ रुपए इन्वेस्ट कर रखे हैं।
बर्कशायर हैथवे 28 अगस्त को एक ट्रिलियन डॉलर यानी 84 लाख करोड़ रुपए की मार्केट कैप वाली अमेरिका की पहली नॉन-टेक कंपनी बन गई। बर्कशायर हैथवे दुनिया में सबसे ज्यादा कैश रखने वाली कंपनी है, जिसके पास 189 बिलियन डॉलर यानी करीब 16 लाख करोड़ रुपए कैश है। दुनिया के सबसे बड़े इन्वेस्टर की रोचक कहानी-
11 की उम्र में बहन के साथ खरीदे 3 शेयर, 5 डॉलर कमाए
वॉरेन बफेट का जन्म 30 अगस्त 1930 को अमेरिका के ओमाहा शहर में हुआ था। पिता हॉवर्ड बफेट स्टॉक ब्रोकर थे। बाद में वे सांसद भी बने।
पिता के चलते बफेट बचपन से ही स्टॉक्स में रुचि लेने लगे। 6 साल की उम्र में उन्होंने गोल्फ बॉल, पॉपकॉर्न और मूंगफली बेचकर 120 डॉलर जुटाए।
इसी पैसे से 1942 में 11 साल के बफेट ने बहन डोरिस के साथ 3 शेयर खरीदे। ये शेयर अमेरिकी पेट्रोलियम कंपनी सिटीज सर्विस के थे। तीन महीने बाद इन शेयरों के दाम गिर गए। इसके बाद बहन डोरिस वॉरेन बफेट पर शेयर बेचने के लिए दबाव बनाने लगी, लेकिन वॉरेन ने इंतजार करने का फैसला किया। आखिर 4 महीने बाद इन शेयरों से 5 डॉलर का मुनाफा हुआ।
2016 की इस तस्वीर में बहन डोरिस बफेट के साथ वॉरेन बफेट। अगस्त 2020 में अमेरिका के रॉकपोर्ट शहर में डोरिस का निधन हो गया।
कंपाउंडिंग की ताकत को समझा, 99% संपत्ति 50 पार की उम्र में बनाई
वॉरेन बफेट 56 साल की उम्र में अरबपति बने। उन्होंने 99% संपत्ति 50 साल की उम्र के बाद कमाई।
बफेट ने पैसे से पैसा बनाने की ताकत का भरपूर इस्तेमाल किया। अंग्रेजी में इसे ‘कंपाउंडिंग’ कहते हैं। बफेट के पास 21 साल की उम्र में 20 हजार डॉलर की संपत्ति थी, जो 26 की उम्र में सात गुना यानी 1.40 लाख डॉलर हो गई। 30 साल की उम्र तक बफेट की संपत्ति 10 लाख डॉलर हो गई।
यह बात 1960 के दशक की है। तब एक अमेरिकी परिवार की सालाना आमदनी 5600 डॉलर थी। आज के हिसाब से करीब 50 लाख रुपए सालाना। यानी जब एक आम अमेरिकी परिवार को एक करोड़ रुपए कमाने में दो साल का समय लगता था, तब 30 साल के वॉरेन बफेट 8 करोड़ रुपए से ज्यादा कमा चुके थे।
76 की उम्र में पत्नी की सहली से दूसरी शादी की
19 अप्रैल 1952 को वॉरेन बफेट ने सुजैन नाम की लड़की से शादी की। दोनों के तीन बच्चे हैं- सूसी, हॉवर्ड और पीटर। वॉरेन ने सूसी के लिए ड्रेसर की दराज को ही पालने में बदल दिया। वहीं, हावर्ड के लिए उन्होंने अपने दोस्त से पालना उधार लिया।
1977 में वॉरेन बफेट और सुजैन अलग हो गए। हालांकि उन्होंने तलाक नहीं लिया था। इस दौरान सुजैन को लगा कि वॉरेन को अकेले घर चलाने में दिक्कत हो रही होगी। सो उन्होंने अपनी सहेली एस्ट्रिड को वॉरेन की देखभाल के लिए कहा। एस्ट्रिड शुरू में तो झिझकीं, लेकिन एक साल के बाद दोनों साथ रहने लगे।
29 जुलाई 2004 को सुजैन की सैन फ्रांसिस्को में मृत्यु हो गई। 2006 में वॉरेन और एस्ट्रिड ने शादी कर ली। 2008 के एक इंटरव्यू में बफेट ने कहा था, मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती सुजैन को जाने देना था। इसमें 95% मेरी गलती थी। मैं तालमेल नहीं बिठा सका।
बेटी सुजैन और बेटे हॉवर्ड के साथ वॉरेन बफेट।
लोगों ने सवाल उठाए तो अपने जेट का नाम रखा ‘The Indefensible’
वॉरेन बफेट ने 1986 में एक पुराना फाल्कन-20 जेट खरीदा। कीमत थी, 8.5 लाख डॉलर। आज के हिसाब से करीब 7 करोड़ रुपए। 38 साल पहले लोगों को ये खरीदारी काफी महंगी लगी। बफेट पर सवाल उठने लगे। जवाब में उन्होंने अपने जेट का नाम The Indefensible रख दिया। इस नाम का मतलब था, कुछ ऐसा जिसका बचाव न किया जा सके। दरअसल, यह नाम बफेट का तंज था।
3 साल बाद बफेट ने इस जेट को बेचकर 6.7 मिलियन डॉलर यानी 55 करोड़ रुपए में दूसरा पुराना जेट खरीदा। इस बार नाम रखा- The Indispensable, यानी ऐसा कुछ जो बेहद जरूरी है।
अपने पहले जेट The Indefensible में माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स के साथ उड़ान भरते वॉरेन बफेट।
दोस्त ने पैसे मांगे तो बफेट डॉलर के छुट्टे करवाने चले गए
वॉरेन बफेट बहुत कंजूस हैं। एक बार एयरपोर्ट पर उनकी दोस्त कैथरीन ग्राहम ने फोन-कॉल के लिए उनसे 10 सेंट मांगे। इस पर बफेट ने जेब से 25 सेंट का सिक्का निकाला और उसके छुट्टे कराने चल दिए। काफी देर तक जब 10 सेंट का सिक्का नहीं मिला तो बफेट ने ठिठकते हुए अपनी दोस्त को 25 सेंट का सिक्का दिया। कैथरीन अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट की पब्लिशर थीं।
दुनिया के सबसे बड़े इन्वेस्टर, लेकिन 66 साल पुराने घर में रहते हैं
बफेट ओमाहा शहर में 66 साल पुराने घर में रहते हैं। 1958 में यह घर उन्होंने 31,500 डॉलर में खरीदा था। आज के हिसाब यह करीब 3 करोड़ रुपए हुए। यह घर 6,280 वर्ग फीट में बना है, इसमें 5 बेडरूम और 2 बाथरूम हैं। बफेट ने हैथवे के शेयरहोल्डर्स को एक पत्र में लिखा- यह घर उनका तीसरा सबसे अच्छा निवेश है।
बफेट ने 1971 में कैलिफोर्निया में भी 1.5 लाख डॉलर का एक घर खरीदा था। लगुना बीच के किनारे बने इस घर को उन्होंने 2018 में 7.5 मिलियन डॉलर यानी करीब 62 करोड़ रुपए में बेच दिया।
वॉरेन बफेट ने ये मकान खरीदने के बाद किराए पर भी दिया था।
नई कार खरीदने के बजाय पुरानी कार इस्तेमाल करते हैं
वॉरेन बफेट के पास 2014 से कैडिलैक एक्सटीएस कार है। 2006 में उनके पास कैडिलैक का डीटीएस मॉडल था।
2001 में उन्होंने लिंकन टाउन कार खरीदी थी। इस कार के नंबर प्लेट पर उन्होंने Thrifty लिखवाया था। Thrifty का अर्थ मितव्ययी यानी कम खर्च करने वाला। 2006 में ही उन्होंने इस कार को चैरिटी के लिए नीलाम कर दिया।
अपनी कारों के बारे में बफेट का कहना है कि ‘मैं साल में सिर्फ 3,500 मील गाड़ी चलाता हूं, इसलिए नई कार नहीं खरीदता।’
2014 में वॉरेन बफेट ने कैडिलैक एक्सटीएस कार खरीदी, ये उसी समय की तस्वीर है। इसकी कीमत लगभग 45 हजार डॉलर थी।
2020 तक सस्ता सा फोन इस्तेमाल करते रहे बफेट
एपल कंपनी में 5% हिस्सेदारी के बावजूद बफेट ने आई-फोन इस्तेमाल नहीं किया। उनके पास फ्लिप स्क्रीन वाला सैमसंग का SCH-U320 फोन था। उन्होंने 2020 में पहली बार आई-फोन 11 का इस्तेमाल शुरू किया। ये फोन उन्हें एपल के सीईओ टिम कुक ने दिया था।
बफेट आई-फोन का इस्तेमाल सिर्फ कॉल करने के लिए करते हैं। शेयर्स की कीमतों और बाकी रिसर्च के लिए वह एपल के आईपैड का इस्तेमाल करते हैं।
बफेट के पास सिर्फ 20 सूट, सस्ते में बाल कटवाते हैं
वॉरेन बफेट का कोई हेयर स्टाइलिस्ट नहीं है। वो अपने ऑफिस के पास ही एक आम दुकान पर बाल कटवाते हैं। इस पर वह केवल 18 डॉलर खर्च करते हैं।
बफेट कस्टमाइज्ड इटैलियन सूट के बजाय चीन में बने सस्ते सूट पहनते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके पास 20 सूट हैं। सभी को चीनी डिजाइन मैडम ली ने बनाया है।
चीनी डिजाइनर मैडम ली ने वॉरेन बफेट के लिए पहली बार सूट गिफ्ट किया था।
दिन में 5 बार कोल्डड्रिंक, खाने पर सिर्फ 263 रुपए का खर्च
बफेट का कहना है कि वह 6 साल के बच्चे की तरह खाते हैं। वे रोज सुबह मैकडॉनल्ड्स में नाश्ता करते हैं। वह नाश्ते में कोक पीते और बर्गर खाते हैं।
2017 में बफेट ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे खाने पर 3.17 डॉलर यानी 263 रुपए से ज्यादा खर्च नहीं करते हैं। वे खाना ऑर्डर करते हैं और पेमेंट में छुट्टे सेंट देते हैं। उन्होंने HBO चैनल की डॉक्यूमेंट्री ‘बिकमिंग वॉरेन बफेट’ में बताया था कि वह एक दिन में कम से कम 5 बार कोल्ड-ड्रिंक पीते हैं।
बफेट की कंपनी के पास करीब 16 लाख करोड़ रुपए कैश
वॉरेन बफेट की कंपनी बर्कशायर के पास 188 बिलियन डॉलर यानी करीब 16 लाख करोड़ रुपए कैश है। यानी उन्होंने यह रकम न कहीं निवेश की है। न उससे सोना खरीदा है। न फिक्सड डिपॉजिट किया है। न ही बैंक में जमा किया है। महंगाई के चलते हर साल इस मोटी रकम की वैल्यू 2% से 4% कम हो जाती है, फिर भी बफेट ऐसा क्यों करते हैं?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बफेट दशक में एक बार मिलने वाले मौके का इंतजार करते हैं। जैसे- 2020 का कोरोना महामारी, 2008 का लेमन ब्रदर्स क्राइसिस और 2000 का Dot.com Bubble क्राइसिस।
ऐसे मौकों पर जब ज्यादातर कंपनियां कंगाल होने लगती हैं तो वॉरेन बफेट 40% से 50% डिस्काउंट पर स्टॉक खरीदते हैं। बफेट इसके लिए कैश का इस्तेमाल करते हैं।
2020 में शेयरहोल्डर्स की एक मीटिंग में बफेट ने कहा था, ‘अगले 20-30 सालों में ऐसा दो या तीन बार ऐसा होगा, जब सोने की बारिश हो रही होगी। तब हमें सिर्फ उसे समेटने के लिए बाहर जाना होगा, लेकिन यह कोई नहीं जानता कि ऐसा कब होगा।’
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बफेट शेयर बाजार को Overvalued मानते हैं। यानी शेयर बाजारों में उछाल असली नहीं। कभी न कभी ये क्रैश करेंगे।
ये ट्रेंड अमेरिका की बड़ी कंपनियों में भी दिख रहा है। तमाम बड़ी कंपनियों ने दूसरी कंपनियों के बजाय सरकारी बॉन्ड्स में इन्वेस्ट कर रखा है।
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References-
1. द स्नोबॉल: वॉरेन बफेट एंड द बिजनेस ऑफ लाइफ – एलिस श्रोएडर
2. बफेट: द मेकिंग ऑफ एन अमेरिकन कैपटलिस्ट – रोजर लोवेनस्टीन