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निर्जला एकदशी के बाद और देवशयनी एकादशी से पहले योगिनी एकादशी मनाई जाती है। एकादशी व्रत और आषाढ़ माह भगवान विष्णु को अतिप्रिय माने जाते हैं। ऐसे में इस माह में पड़ने वाली एकादशी का व्रत जरूर रखना चाहिए। साथ ही व्रत रखने वाले व्यक्ति को किसी भी प्रकार की गलतियां नहीं करनी चाहिए।
By Ekta Sharma
Publish Date: Wed, 26 Jun 2024 08:18:55 AM (IST)
Updated Date: Wed, 26 Jun 2024 08:44:49 AM (IST)

HighLights
- 2 जुलाई को रखा जाएगा योगिनी एकादशी व्रत।
- इस व्रत के प्रभाव से सभी पापों से मिलती है मुक्ति।
- इस व्रत के दिन कुछ नियमों का पालन जरूर करें।
धर्म डेस्क, इंदौर। Yogini Ekadashi 2024: आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि योगिनी एकादशी कहलाती है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत के प्रभाव से हर मनोकामना पूरी होती है और सुख-समृद्धि आती है। योगिनी एकादशी के दिन कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए, वरना व्रत का पूरा फल प्राप्त नहीं होता है। आइए, जानते हैं कि योगिनी एकादशी के व्रत नियम क्या हैं।
योगिनी एकादशी व्रत 2024
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 1 जुलाई को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 2 जुलाई को सुबह 8 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, योगिनी एकादशी 2 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी। इसी दिन व्रत भी रखा जाएगा।
एकादशी का व्रत द्वादशी तिथि के दौरान ही खोलना चाहिए। द्वादशी तिथि 3 जुलाई को सुबह 7.10 बजे समाप्त होगी। योगिनी एकादशी व्रत पारण 3 जुलाई को सुबह 5.28 बजे से 7.10 बजे के बीच किया जा सकता है।
योगिनी एकादशी व्रत नियम
- एकादशी के दिन लहसुन, प्याज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इस दिन भूलकर भी मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- योगिनी एकादशी के दिन सभी प्रकार के व्यसनों जैसे सिगरेट, शराब आदि से दूर रहें।
- एकादशी के दिन साबुन और तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दिन बाल न धोएं और न ही काटें।
- इस दिन नाखून भी नहीं काटने चाहिए।
- एकादशी के दिन व्रत रख रहे हैं, तो क्रोध या वाद-विवाद से बचें और किसी का अपमान न करें।
- इस दिन जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
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