विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाए, तो उनकी कृपा प्राप्त होती है।
By Ekta Sharma
Publish Date: Sat, 08 Jun 2024 01:40:55 PM (IST)
Updated Date: Sat, 08 Jun 2024 01:40:55 PM (IST)
HighLights
- इस व्रत के प्रभाव से कष्टों से छुटकारा मिलता है।
- विनायक चतुर्थी 10 जून 2024, सोमवार को मनाई जाएगी।
- इस दिन पूजा के साथ-साथ व्रत कथा भी जरूर पढ़नी चाहिए।
धर्म डेस्क, इंदौर। Vinayaka Chaturthi 2024: भगवान गणेश को समर्पित विनायक चतुर्थी पर्व हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस साल विनायक चतुर्थी 10 जून 2024, सोमवार को मनाई जाएगी। यह पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाए, तो उनकी कृपा प्राप्त होती है। साथ ही कई तरह के कष्टों से भी छुटकारा मिलता है। आइए, जानते हैं कि विनायक चतुर्थी के दिन कौन-सी व्रत कथा पढ़ी जानी चाहिए।
विनायक चतुर्थी 2024 तिथि
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 9 जून रविवार को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर होगा और समापन 10 जून सोमवार को शाम 4 बजकर 14 मिनट पर होगा। ऐसे में विनायक चतुर्थी व्रत 10 जून, सोमवार को रखा जाने वाला है।
विनायक चतुर्थी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव और माता पार्वती नर्मदा नदी के तट पर बैठकर चौपड़ खेल रहे थे। शिव जी ने खेल में हार-जीत का फैसला करने के लिए एक पुतले का निर्माण किया और उसकी प्रतिष्ठा कर दी। भगवान महादेव ने उस बालक से कहा कि वह जीतने के बाद विजेता का फैसला करेगा। महादेव और देवी पार्वती खेलने लगे और देवी पार्वती जीत गईं। अंत में बालक ने महादेव को विजेता घोषित किया। यह सुनकर देवी पार्वती क्रोधित हो गईं और उन्होंने बालक को विकलांग बने रहने का श्राप दे दिया।
इसके बाद बालक ने देवी पार्वती से माफी मांगी और कहा कि यह गलती से हो गया, जिसके बाद देवी पार्वती ने कहा कि श्राप को वापस नहीं किया जा सकता, लेकिन एक समाधान है। देवी पार्वती ने कहा कि नाग कन्याएं भगवान गणेश की पूजा करने आएंगी और तुम्हें उनके बताए अनुसार व्रत करना होगा, जिससे तुम श्राप से मुक्त हो जाओगे। बालक कई वर्षों तक श्राप से पीड़ित रहा और एक दिन नाग कन्याएं भगवान गणेश की पूजा करने आईं। बालक ने उनसे गणेश जी की व्रत की विधि पूछी। बालक ने सच्चे मन से भगवान गणेश के निमित्त व्रत किया, जिससे भगवान गणेश प्रसन्न हुए और उससे वरदान मांगने को कहा।
बालक ने भगवान गणेश से प्रार्थना की और कहा कि हे विनायक, मुझे इतनी शक्ति दें कि मैं कैलाश पर्वत तक पैदल चल सकूं। भगवान गणेश ने बालक को आशीर्वाद दिया। बाद में बालक ने श्राप से मुक्त होने की कथा कैलाश पर्वत पर महादेव को सुनाई। चौपड़ के दिनों से ही माता पार्वती भगवान शिव से रुष्ट हो गई थीं। बालक की सलाह के अनुसार, भगवान शिव ने भी 21 दिनों तक भगवान गणेश के लिए व्रत रखा। व्रत के प्रभाव से माता पार्वती का महादेव के प्रति क्रोध समाप्त हो गया।
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