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Vat Savitri Vrat 2024: सुहागिन वट वृक्ष पर चढ़ाएंगी जल, पति का हर काम होगा सफल

bareillyonline.com by bareillyonline.com
28 May 2024
in न्यूज़
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Vat Savitri Vrat 2024: ज्योतिषाचार्य पंडित देव कुमार पाठक का कहना है सौभाग्यवती महिलाएं श्रद्धा के साथ जेष्ठ कृष्ण पक्ष त्रयोदशी से लेकर अमावस्या तक तीन दिन का व्रत रखती हैं।

By Dhirendra Kumar Sinha

Publish Date: Tue, 28 May 2024 12:08:59 PM (IST)

Updated Date: Tue, 28 May 2024 12:08:59 PM (IST)

Vat Savitri Vrat 2024: सुहागिन वट वृक्ष पर चढ़ाएंगी जल, पति का हर काम होगा सफल
फाइल फोटो-सुहागिन वट वृक्ष की पुजा करती हुई।

HighLights

  1. छह जून को मनाया जाएगा वट सावित्री व्रत।
  2. प्रमुख मंदिरों में होगी विशेष पूजा-अर्चना।
  3. परिक्रमा कर लपेटेंगे कच्चा धागा।

Vat Savitri Vrat 2024: नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का बड़ा महत्व है। सुहागिन इस दिन कठिन व्रत का पालन करते हुए वट वृक्ष की पूजा-अर्चना कर जल अर्पित करती हैं। इस साल छह जून को यह व्रत रखा जाएगा। न्यायधानी में इसे लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है।

न्यायधानी में सुहागिन महिलाएं इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का का वरदान प्राप्त होता है। यह व्रत महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इसके अलावा, कुछ जगहों पर कुंवारी कन्याएं भी मनचाहा वर पाने के लिए इस व्रत का पालन करती हैं।

ज्योतिषाचार्य पंडित देव कुमार पाठक का कहना है सौभाग्यवती महिलाएं श्रद्धा के साथ जेष्ठ कृष्ण पक्ष त्रयोदशी से लेकर अमावस्या तक तीन दिन का व्रत रखती हैं। इस दौरान वे बड़ों का आशीर्वाद लेती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं। इसी वट वृक्ष के नीचे सावित्री ने अपने पतिव्रत से मृत पति को जीवित किया था। तब से यह व्रत वट सावित्री के नाम से जाना जाता है। कुछ महिलाएं अमावस्या को ही व्रत रखती हैं। इस व्रत में सावित्री सत्यवान की कथा का श्रवण करती हैं। पूजा करते समय स्त्रियां वट वृक्ष को जल से सींचती हैं।

परिक्रमा कर लपेटेंगे कच्चा धागा

सुहागिनों द्वारा वट वृक्ष की परिक्रमा करते समय कच्चा धागा लपेटा जाता है। इस व्रत को करने से किसी प्रकार के रोगों से छुटकारा मिलता है और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है। इससे परिवार निरोगी रहता है। वट देव वृक्ष हैं। वट वृक्ष के मूल में भगवान ब्रह्मा, मध्य में जनार्दन विष्णु और अग्र भाग में देवाधिदेव भगवान शिव स्थित रहते हैं। देवी सावित्री भी बट वृक्ष में प्रतिष्ठित रहती हैं।

शनि जयंती भी इसी दिन

छह जून को शनि जयंती भी है। कुछ लोग शनि की आराधना भी करते हैं। साढ़े साती या शनि का दहिया चल रहा है वह शनि स्त्रोत का पाठ करेंगे। शहर के राजकिशोर नगर स्थित शनि मंदिर, चिल्हाटी शनि धाम सहित अन्य सभी शनि मंदिरों में इस दिन भक्तों का तांता लगा रहेगा। शनि चालीसा का पाठ करेंगे। शनि मंदिर जाकर तेल, काला कपड़ा, काला फल, सूखा नारियल शनि महाराज को अर्पित और शनि के बीच मंत्र का जाप करते नजर आएंगे।

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    वर्ष 2010 में गुरु घासीदास विश्‍वविद्यालय, बिलासपुर से ग्रेजुएशन किया है। तत्पश्चात शिक्षा एवं कार्य को आगे बढ़ते हुए मैं दैनिक प्रजापति, इवनिंग टाइम्स एवं लोकस्वर में पत्रकारिता करियर की शुरुआत की 2012—13 मैंन …

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