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Vat Purnima Vrat 2024: वट पूर्णिमा व्रत पर इस विधि से करें पूजा, प्राप्त होगा दोगुना फल

bareillyonline.com by bareillyonline.com
19 June 2024
in बरेली न्यूज़
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Vat Purnima Vrat 2024: वट पूर्णिमा व्रत पर इस विधि से करें पूजा, प्राप्त होगा दोगुना फल
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वट पूर्णिमा व्रत के दिन सावित्री और सत्यवान की भी पूजा की जाती है। पश्चिम भारत में यह व्रत ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रखा जाता है। उत्तरी भारत में ज्येष्ठ अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है। कहा जाता है कि इस विशेष दिन पर वट वृक्ष के साथ-साथ बेल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ होता है।

By Ekta Sharma

Publish Date: Wed, 19 Jun 2024 08:04:31 AM (IST)

Updated Date: Wed, 19 Jun 2024 01:59:28 PM (IST)

Vat Purnima Vrat 2024: वट पूर्णिमा व्रत पर इस विधि से करें पूजा, प्राप्त होगा दोगुना फल
वट पूर्णिमा का व्रत 21 जून को रखा जाएगा।

HighLights

  1. सावित्री व्रत के बराबर पुण्य देने वाला व्रत
  2. पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है यह व्रत
  3. इस दिन की जाती है वट वृक्ष की पूजा

Vat Purnima Vrat 2024: हिंदू धर्म में वट पूर्णिमा व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। वट पूर्णिमा व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। वट सावित्री व्रत की तरह ही इस व्रत को रखा जाता है। इस दिन भी विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती है। मान्यता है कि वट वृक्ष में त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है, इसलिए इसकी पूजा की जाए, तो तीनों देवों का आशीर्वाद मिलता है।

वट पूर्णिमा व्रत 2024 तिथि

पंचांग के अनुसार, इस बार पूर्णिमा तिथि 21 तारीख शुक्रवार को सुबह 7:32 बजे शुरू होगी और 22 तारीख को सुबह 6:38 बजे समाप्त होगी। इस तरह वट पूर्णिमा का व्रत 21 जून को ही रखा जाएगा।

वट पूर्णिमा पूजा विधि

  • वट व्रत के दिन सुबह स्नान करके लाल या पीले वस्त्र पहनें।
  • इसके बाद पूजा स्थल पर पूजन सामग्री लेकर जाएं।
  • फिर वट वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाएं।
  • फूल, चावल, गुड़ भीगे, हुए चने,मिठाई आदि अर्पित करें।
  • इसके बाद वट वृक्ष के चारों ओर सूत लपेटकर सात बार परिक्रमा करें।
  • अंत में प्रणाम करें।
  • इसके बाद चने हाथ में लेकर वट सावित्री की कथा सुनें।
  • इस दिन अपनी क्षमता अनुसार दान करें।

वट पूर्णिमा व्रत महत्व

एक पौराणिक कथा के अनुसार, सावित्री ने अपनी तपस्या और सतित्व की शक्ति से मृत्यु के देवता यम को अपने पति सत्यवान को जीवन वापस देने के लिए मजबूर किया था, इसलिए विवाहित महिलाएं अपने पतियों की सुरक्षा और लंबी उम्र के लिए वट सावित्री व्रत रखती हैं। इस व्रत को करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।साथ ही पति के साथ रिश्ते अच्छे रहते हैं और दाम्पत्य जीवन में मधुरता आती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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