शाम को वामन कथा का पाठ करें और आरती के बाद प्रसाद वितरण करें। गरीबों को इन दिन दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Sat, 20 Apr 2024 09:27 AM (IST)
Updated Date: Sat, 20 Apr 2024 10:53 AM (IST)
HighLights
- स्नान के बाद भगवान वामन की की प्रतिमा स्थापित करें।
- वेदी को पवित्र गंगाजल से साफ करें और हल्दी से तिलक करें।
- इसके बाद पीले फूलों की माला भगवान वामन देव को अर्पित करें।
धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के वामन अवतार को पूजनीय माना जाता है। हर साल इसी उपलक्ष्य में दो बार वामन द्वादशी मनाई जाती है। पहली Vaman Dwadashi चैत्र मास की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है और दूसरी Vaman Dwadashi भाद्रपद माह की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल चैत्र महीने की वामन द्वादशी 20 अप्रैल, 2024, शनिवार को मनाई जाएगी। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, Vaman Dwadashi के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने से सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
ऐसे करें वामन देव की पूजा
स्नान के बाद भगवान वामन की प्रतिमा स्थापित करें। वेदी को पवित्र गंगाजल से साफ करें और हल्दी से तिलक करें। इसके बाद पीले फूलों की माला भगवान वामन देव को अर्पित करें। पूजा के दौरान साधक को पीले वस्त्र ही धारण करना चाहिए। पूजा के दौरान देशी घी का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इन दिन उपवास करना फलदायी माना जाता है। शाम को वामन कथा का पाठ करें और आरती के बाद प्रसाद वितरण करें। गरीबों को इन दिन दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
वामन देव की पूजा का पौराणिक महत्व
वामन देव की पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। भगवान वामन को श्री हरि विष्णु का ही अवतार माना जाता है। भगवान वामन देव बौने ब्राह्मण के रूप में पृथ्वी पर प्रकट हुए थे और उन्हें बुराई पर अच्छाई और अहंकार पर भक्ति की जीत का प्रतीक माना जाता है। वामन द्वादशी तिथि पर भगवान वामन की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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