इस दिन क्षौर्य कार्य जैसे नाखून काटना और बाल कटवाना आदि भी वर्जित होता है। वैशाख अमावस्या पर सिर पर तेल लगाना भी वर्जित होता है।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Mon, 06 May 2024 01:20:52 PM (IST)
Updated Date: Mon, 06 May 2024 01:28:33 PM (IST)
HighLights
- पितरों की आत्मिक शांति के लिए यह तिथि बेहद शुभ मानी जाती है।
- वैशाख अमावस्या पर शराब व मांस का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
- सभी तरह की तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए।
धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में वैशाख माह की अमावस्या तिथि को काफी शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस शुभ तिथि को पितरों की आत्मिक शांति के लिए पवित्र नदी में स्नान करने के साथ-साथ दान जरूर करना चाहिए। इसके अलावा गरीबों को भोज कराने से भी पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, वैशाख माह की अमावस्या पर ये 3 काम करने से गृह दोष का निवारण होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
जानें कब है वैशाख अमावस्या
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 07 मई, 2024, मंगलवार को सुबह 11.40 बजे शुरू होगी और इस तिथि का समापन 08 मई बुधवार सुबह 08.51 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, वैशाख अमावस्या 8 मई को मनाई जाएगी।
वैशाख अमावस्या पर बिल्कुल न करें ये काम
पितरों की आत्मिक शांति के लिए यह तिथि बेहद शुभ मानी जाती है। ऐसे में वैशाख अमावस्या पर शराब व मांस का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। सभी तरह की तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए। इस झाड़ू भी नहीं खरीदना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती है। इस दिन क्षौर्य कार्य जैसे नाखून काटना और बाल कटवाना आदि भी वर्जित होता है। वैशाख अमावस्या पर सिर पर तेल लगाना भी वर्जित होता है।
इस मंत्र का करें जाप
ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
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