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हिंदू पंचांग के अनुसार, सीता नवमी का त्योहार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Thu, 16 May 2024 09:43:29 AM (IST)
Updated Date: Thu, 16 May 2024 11:11:47 AM (IST)
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HighLights
- वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 मई , 2024 दिन गुरुवार सुबह 6.22 बजे शुरू होगी।
- इस तिथि का समापन 17 मई, 2024, शुक्रवार को सुबह 08.48 बजे होगा।
- उदया तिथि के अनुसार, सीता नवमी त्योहार 16 मई को ही मनाया जाना उचित होगा।
धर्म डेस्क, इंदौर। Sita Navami 2024: हिंदू धर्म में रामनवमी के समान ही सीता नवमी पर्व का भी विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यता है कि सीता नवमी के दिन ही माता जानकी का जन्म हुआ था और इस कारण सीता नवमी पर माता सीता की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सीता नवमी का त्योहार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह त्योहार आज 16 मई, 2024 को मनाया जा रहा है।
ये है पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 मई , 2024 दिन गुरुवार सुबह 6.22 बजे शुरू होगी और इस तिथि का समापन 17 मई, 2024, शुक्रवार को सुबह 08.48 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, सीता नवमी त्योहार 16 मई को ही मनाया जाना उचित होगा। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस दिन माता जानकी के पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11.04 बजे से लेकर दोपहर 01.43 बजे तक का है।
सीता नवमी का पौराणिक महत्व
हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों में माता जानकी के जन्म को लेकर कई कथाएं दी गई है। पौराणिक मान्यता है कि एक बार जब मिथिला के राजा जनक खेत में हल चला रहे थे, तब एक घड़े में बच्ची मिली थी। उस बच्ची का नाम ही उन्होंने जानकी रखा था और बेटी की तरह पाला था। जब देवी जानकी बड़ी हो गईं, तो उनके लिए राजा जनक ने एक स्वयंवर का आयोजन किया, जिसमें उनका विवाह भगवान राम से हुआ था।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
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