ज्योतिषियों के मुताबिक, सीता नवमी पर कई शुभ योग बनने जा रहे हैं। इन योगों में माता सीता की पूजा करने से कई गुना फल प्राप्त होता है और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
By Ekta Sharma
Publish Date: Wed, 15 May 2024 01:49:15 PM (IST)
Updated Date: Wed, 15 May 2024 01:49:15 PM (IST)
HighLights
- राजा जनक को हल चलाते समय माता सीता मिली थीं।
- सीता नवमी पर माता जानकी की विशेष पूजा का विधान है।
- सीता नवमी पर शिव वास योग बन रहा है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Sita Navami 2024: ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सीता नवमी 16 मई को मनाई जाने वाली है। यह त्योहार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इसी दिन जगत जननी माता सीता का प्राकट्य हुआ था। शास्त्रों के अनुसार, राजा जनक को हल चलाते समय माता सीता मिली थीं। उस समय राजा जनक वैदिक यज्ञ कर रहे थे। बाद में माता सीता का विवाह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम से हुआ। इसलिए सीता नवमी पर माता जानकी की विशेष पूजा का विधान है।
धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्री राम और माता सीता की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। ज्योतिषियों के मुताबिक, सीता नवमी पर कई शुभ योग बनने जा रहे हैं। इन योगों में माता सीता की पूजा करने से कई गुना फल प्राप्त होता है और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
पंचांग
- ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 04:06 मिनट से 04:48 मिनट तक।
- विजय मुहूर्त : दोपहर 02:34 मिनट से 03:28 मिनट तक।
- गोधूलि मुहूर्त : शाम 07:04 मिनट से 07:25 मिनट तक।
- निशिता मुहूर्त : रात्रि 11:57 मिनट से 12:38 मिनट तक।
बनने जा रहे हैं ये शुभ योग
ज्योतिषियों के मुताबिक, सीता नवमी पर शिव वास योग बन रहा है। नवमी तिथि के समय यह योग बन रहा है। इस दिन भगवान शिव, आदिशक्ति मां गौरी के साथ रहेंगे। इस दौरान माता सीता की पूजा करने से साधक को अनंत फल की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा इस दिन रवि योग का भी संयोग बन रहा है। रवि योग शाम 6.14 बजे से अगले दिन 17 मई की सुबह 5.29 बजे तक रहेगा।
वहीं, ध्रुव योग का संयोग सुबह 08:23 बजे तक रहेगा और बालव करण योग शाम 07:33 बजे तक है।
डिसक्लेमर
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