Sawan Somwar 2024: ऐसे में इस पवित्र महीने में भगवान शिव की उपासना करने से बल, बुद्धि, विद्या, आरोग्यता, धन, ऐश्वर्य, इत्यादि की प्राप्ति होती है। साथ ही इस महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति के सभी कष्ट और पाप नष्ट हो जाते हैं।
By Kushagra Valuskar
Publish Date: Thu, 18 Jul 2024 08:51:08 PM (IST)
Updated Date: Thu, 18 Jul 2024 08:51:08 PM (IST)
HighLights
- सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को है।
- सावन मास भगवान शिव को बहुत प्रिय है।
- सावन के पहले सोमवार पर नवम पंचम योग।
धर्म डेस्क, इंदौर। Sawan Somwar 2024: भगवान शिव को प्रिय श्रवण मास 22 जुलाई से शुरू होगा और इसका समापन 19 अगस्त रक्षाबंधन के साथ होगा। इस बार सावन के पांच सोमवार होंगे। सावन के पहले सोमवार पर एक या दो नहीं बल्कि 5 शुभ योग का संयोग भी बन रहा है।
इस बार सावन की शुरुआत सोमवार से हो रही है और समापन भी सोमवार को ही होगा। सावन के पहले दिन बन रहे शुभ योग में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं।
श्रवण मास में रूद्राभिषेक करने से पापों का क्षरण और कष्टों से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषाचार्य सुनील चौपड़ा ने बताया कि शास्त्रों में श्रावण मास के महत्व को विस्तार से बताया गया है। देवशयनी एकादशी के बाद सृष्टि के संचालन का पदभार भगवान शिव के हाथों में आ जाता है और आषाढ़ माह के बाद सावन महीना शुरू होता है।
ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है
जिन लोगों की कुंडली में ग्रह दोष है, उन्हें सावन महीने में भगवान शिव की उपासना जरूर करनी चाहिए और साथ ही दान पुण्य भी करना चाहिए. दान पुण्य करने से भी विशेष लाभ मिलता है। यदि कुंडली में कालसर्प दोष है, राहु व चंद्रमा खराब है, तो शिव की उपासना से दोषों से मुक्ति मिलती है।
सावन के पहले सोमवार को बन रहे पांच शुभ योग के महत्व
सावन के पहले सोमवार पर प्रीति योग बन रहा है और इस योग के स्वामी स्वयं भगवान नारायण हैं। पुराणों में बताया गया है कि प्रीति योग सदा मंगल करने वाला और भाग्य को बढ़ाने वाला होता है।
दूसरा योग
आयुष्मान योग बन रहा है। भारतीय संस्कृति में लोग आयुष्मान भव: कहकर आशीर्वाद देते हैं अर्थात यह आशीर्वाद लंबी आयु के लिए दिया जाता है।
तीसरा योग
सावन के पहले सोमवार को चंद्रमा और मंगल एक दूसरे से नौवें और पांचवे भाव में मौजूद रहेंगे, जिससे नवम पंचम राजयोग का निर्माण हो रहा है। इस योग में शिव पूजन करने से कुंडली में मौजूद सभी ग्रह दोष दूर होते हैं।
चौथा योग
सावन के पहले सोमवार को शश राजयोग बन रहा है क्योंकि इस दिन शनि स्वराशि कुंभ में रहने वाले हैं। शश योग के स्वामी शनिदेव हैं, जो भगवान शिव के शिष्य हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से शनि के अशुभ प्रभाव में कमी आती है। साथ ही शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। इस योग में की गई पूजा से हर परेशानी दूर हो जाती है।
पांच योग
सावन के पहले सोमवार को सर्वाद्ध सिद्ध नामक शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है। जैसा कि इसके नाम से जानकारी मिल रही है कि यह योग सभी कार्यों को सिद्ध करता है।
डिसक्लेमर
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