इस वर्ष 22 जुलाई से सावन माह की शुरुआत होने जा रही है। खास बात यह है कि सावन की शुरुआत सोमवार को होगी और यह खत्म भी सोमवार को ही होगा, ऐसे में इस माह पांच सावन सोमवार रहेंगे। तिथि की घट बढ़ के कारण सावन 30 के बजाय 29 दिन का ही रहेगा।
By Bharat Mandhanya
Publish Date: Sun, 07 Jul 2024 02:06:46 PM (IST)
Updated Date: Sun, 07 Jul 2024 02:06:46 PM (IST)
HighLights
- सावन में होंगे भगवान शिव के विशेष अनुष्ठान
- भोलेनाथ का दुग्धाभिषेक माना जाता है शुभ
- भगवान शिव को अर्पित करना चाहिए बेलपत्र
Sawan Somvar 2024 धर्म डेस्क, इंदौर। सावन का महीना हिंदू धर्म में काफी पवित्र होता है। यह माह भगवान शिव को समर्पित है। इस पूरे माह भगवान शिव का विशेष पूजन किया जाता है। साथ ही सोमवार को भगवान शिव के विशेष अनुष्ठान भी किए जाते हैं। महिलाएं भी पूरी आस्था के साथ सावन सोमवार के व्रत रखती है।
मान्यता है कि सावन सोमवार पर व्रत रखने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही कई समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। हालांकि, इस दिन पूजा के दौरान कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आपको बताते हैं सावन माह में भगवान शिव के पूजन के दौरान किन नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
बेलपत्र के नियम
भगवान शिव को अर्पित की जाने वाली सामग्रियों में बेलपत्र प्रमुख है। इसे शिवलिंग को अर्पित कर उन्हें जल चढ़ाया जाता है। हालांकि, बेलपत्र को सोमवार को नहीं तोड़ा जाता है, ऐसे में इसे एक दिन पूर्व ही तोड़ कर रख लेना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि बेलपत्र कहीं से कटा-फटा न हो। बेलपत्र को हमेशा सीधा अर्पित करना चाहिए।
कच्चा दूध चढ़ाएं
सावन में भगवान शिव को कच्चा दूध चढ़ाने का विशेष महत्व है। भोलेनाथ का दुग्धाभिषेक करने से चंद्र दोष भी दूर होते हैं। शिवपूजन के दौरान उन्हें तुलसी और सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए।
पूरी परिक्रमा न करें
भोलेनाथ के पूजन के बाद शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि भगवान शिव की सिर्फ आधी परिक्रमा ही की जाती है। साथ ही उन्हें चढ़ाए गए जल को भी नहीं लांघना चाहिए।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’