Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी के दिन इस विधि से करें बप्पा की पूजा, सुख-सौभाग्य में होगी वृद्धि


आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश के साथ-साथ चंद्रमा की भी पूजा का विधान है। इसके बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है, क्योंकि गणेश जी से चंद्र देव को आशीर्वाद मिला था। संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय देर से होता है।

By Ekta Sharma

Publish Date: Sun, 23 Jun 2024 03:30:40 PM (IST)

Updated Date: Sun, 23 Jun 2024 03:30:40 PM (IST)

कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी 2024 भगवान गणेश (प्रतीकात्मक तस्वीर)

HighLights

  1. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को कहा जाता है संकष्टी चतुर्थी
  2. 25 जून को मनाई जाएगी कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी
  3. इस दिन बप्पा की विशेष पूजा की जानी चाहिए

धर्म डेस्क, इंदौर। Sankashti Chaturthi 2024: हिंदू धर्म में हर महीने आने वाली चतुर्थी पर भगवान गणेश के निमित्त व्रत रखा जाता है। चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। संकष्टी चतुर्थी संकटों को हरने वाली मानी जाती है। इस व्रत को करने से भी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।

संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित महत्वपूर्ण त्योहार है। एक महीने में दो बार चतुर्थी आती है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। आइए, जानते हैं कि इस बार संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा किस तरह करनी चाहिए।

कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी 2024 तिथि

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 25 जून को रात 1 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी। यह तिथि 25 जून को रात 11 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी 25 जून को मनाई जाएगी।

संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय रात 10.27 बजे के बाद ही होगा। संकष्टी चतुर्थी का व्रत चंद्र अर्घ्य के बिना पूरा नहीं माना जाता है।

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि

  • संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • अपने घर के मंदिर को अच्छी तरह साफ करें।
  • भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें और उन्हें फूल, फल, मिठाई चढ़ाएं।
  • शुद्ध घी का दीपक लगाएं।
  • चतुर्थी के दिन गणेश चतुर्थी स्तोत्र या फिर गणेश मंत्र का पाठ करना चाहिए।
  • धूपबत्ती जलाएं और आरती करें।
  • गणेश जी को उनकी पसंदीदा चीजों का भोग जरूर लगाएं।
  • अंत में भगवान गणेश से अपनी मनोकामना कहें।

संकष्टी चतुर्थी महत्व

ऐसा माना जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा करते समय सच्चे मन से गणेश चालीसा का पाठ किया जाए, तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

डिसक्लेमर

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