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जैन धर्म के अनुयायी समृद्धि, शांति और खुशी की प्राप्ति के लिए उपवास करते हैं।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Thu, 09 May 2024 01:45:04 PM (IST)
Updated Date: Thu, 09 May 2024 01:48:16 PM (IST)

HighLights
- रोहिणी व्रत 10 मई 2024, दिन शुक्रवार को रखा जाएगा।
- रोहिणी व्रत करने का संकल्प 3, 5 या फिर 7 वर्षों के लिए लिया जाता है।
- रोहिणी व्रत उस दिन मनाया जाता है, जब सूर्योदय के बाद रोहिणी नक्षत्र प्रबल होता है।
धर्म डेस्क, इंदौर। रोहिणी व्रत जैन समुदाय के सबसे शुभ त्योहारों में से एक है। Rohini Vrat को दुनियाभर में जैन समुदाय के लोग उत्साह के साथ मनाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में रोहिणी 27 नक्षत्रों में से एक प्रमुख नक्षत्र है। इस दिन जैन धर्म के अनुयायी समृद्धि, शांति और खुशी की प्राप्ति के लिए उपवास करते हैं। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, रोहिणी पर्व पर उपवास करने से सभी प्रकार के दुख, पीड़ा से मुक्ति मिल सकती है।
Rohini Vrat पर पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, रोहिणी व्रत 10 मई 2024, दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार रोहिणी व्रत करने का संकल्प 3, 5 या फिर 7 वर्षों के लिए लिया जाता है। इसके बाद ही रोहिणी व्रत का उद्यापन किया जाता है। पंचांग के अनुसार, रोहिणी व्रत उस दिन मनाया जाता है, जब सूर्योदय के बाद रोहिणी नक्षत्र प्रबल होता है।
रोहिणी व्रत की पूजा विधि
- व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- आचमन कर व्रत का संकल्प लें और सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
- पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करें।
- भगवान वासुपूज्य की वेदी के साथ मूर्ति स्थापित करें।
- भगवान को फल, फूल, गंध, दूर्वा आदि अर्पित करें।
- शाम को सूर्यास्त से पहले पूजा-पाठ करने के बाद फलाहार करें।
- व्रत के दौरान रात में भी भोजन नहीं करना चाहिए।
- अगले दिन पूजा-पाठ पूरी होने के बाद व्रत खोलना चाहिए।
महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति
जैन समुदाय में यह मान्यता है कि यदि विधि-विधान के साथ रोहिणी व्रत पूजा की जाती है तो महिलाओं को अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है। भक्तों के जीवन में कभी आर्थिक दिक्कत नहीं आती है और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
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