रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते के अटूट बंधन का प्रतीक है। रक्षाबंधन पर इस साल भद्रा लग रही है। सावन पूर्णिमा पर सुबह के समय राखी नहीं बांध पाएंगे। भाई-बहन का रिश्ता अटूट रहे, इसके लिए शुभ मुहूर्त में ही राखी बांधना चाहिए, भद्राकाल में भूलकर भी राखी न बांधें।
By Ekta Sharma
Publish Date: Sun, 11 Aug 2024 09:03:22 AM (IST)
Updated Date: Sun, 11 Aug 2024 09:16:40 AM (IST)
HighLights
- इस साल रक्षाबंधन पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा।
- इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं।
- सनातन परंपरा में इस पर्व को बहुत खास माना जाता है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Raksha Bandhan 2024: सनातन धर्म में रक्षाबंधन का विशेष महत्व होता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। साथ ही उसके बेहतर स्वास्थ्य, लंबी उम्र और उज्ज्वल भविष्य की भी कामना करती हैं। वहीं, भाई भी अपनी बहनों को जीवन भर रक्षा करने का वादा करते हैं।
इस दिन बहनों को उपहार देने की भी परंपरा है। इस बार भी भद्रा लगने का कारण रक्षाबंधन का त्योहार दोपहर के समय मनाया जाएगा। इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त, सोमवार को मनाया जाने वाला है। आइए, जानते हैं कि भाई के हाथ की किस कलाई पर राखी बांधना चाहिए।
भाई की इस कलाई पर बांधें राखी
राखी बांधते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि भाई के दाहिने हाथ पर राखी बांधना शुभ होता है। शास्त्रों के अनुसार, दाहिना हाथ या जिसे हम सीधा हाथ कहते हैं, वर्तमान जीवन के कर्मों का हाथ माना जाता है।
दाहिने हाथ से धार्मिक कार्य
मान्यताओं के अनुसार, दाहिने हाथ से किया गया दान और धर्म भगवान स्वीकार करते हैं। यही कारण है कि धार्मिक कार्यों के बाद बांधा जाने वाला कलावा भी दाहिने हाथ पर बांधा जाता है। इसी तरह रक्षाबंधन के दिन दाहिने हाथ पर राखी बांधना शुभ होता है।
वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभकारी
दाहिने हाथ पर राखी बांधने से न केवल धार्मिक लाभ होता है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी रक्षा सूत्र बांधने से शरीर कई प्रकार की बीमारियों से मुक्त हो जाता है। आयुर्वेद में कहा गया है कि शरीर के कई प्रमुख अंगों तक पहुंचने वाली नसें कलाई से होकर गुजरती हैं। ऐसे में इस स्थान पर रक्षा सूत्र बांधने से व्यक्ति रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह आदि गंभीर बीमारियों से दूर रहता है।
रक्षा सूत्र का महत्व
- सनातन परंपरा में इस पर्व को बहुत खास माना जाता है।
- रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते के अटूट बंधन का प्रतीक है।
- पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन देवी लक्ष्मी ने दैत्यराज बलि को राखी बांधकर अपना भाई बनाया था।
- इस दिन बहनें अपने भाइयों की आरती उतारती हैं और प्यार के प्रतीक के रूप में राखी या रक्षा सूत्र बांधती हैं।
डिसक्लेमर
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