बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए रक्षाबंधन पर्व का पूरे साल इंतजार करती हैं। इस दिन बहन अपने भाई की सलामती की कामना करते हुए उसकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है। मान्यता है कि भद्रा के दौरान राखी नहीं बांधनी चाहिए। साथ ही बहनों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।
By Ekta Sharma
Publish Date: Sun, 04 Aug 2024 01:37:15 PM (IST)
Updated Date: Sun, 04 Aug 2024 02:28:22 PM (IST)
HighLights
- रक्षाबंधन पर्व 19 अगस्त सोमावार के दिन मनाया जाएगा।
- राखी बांधते समय भाई का सिर खाली नहीं रहना चाहिए।
- राखी बांधने से पहले बहनें राखी में तीन गांठ जरूर लगाएं।
धर्म डेस्क, इंदौर। Raksha Bandhan 2024: हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है। रक्षाबंधन पर्व के दिन श्रावण मास का समापन होता है। इस साल रक्षाबंधन पर 19 अगस्त सोमवार के दिन मनाया जाने वाला है। हालांकि, इस दिन भद्राकाल भी रहेगा।
भद्रा काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ऐसे में इस दौरान राखी भी नहीं बांधना चाहिए। शुभ मुहूर्त के साथ-साथ रक्षाबंधन के दिन राखी बांधते समय बहन और भाई को कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त 2024
सावन पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का शुभ समय 19 अगस्त दोपहर 1:32 से लेकर दोपहर 4:20 तक रहेगा। इसके बाद प्रदोष काल में शाम 6:56 से लेकर रात 9:08 तक रहेगा। इन दोनों समय में आप अपने भाइयों को राखी बांध सकते हैं।
सिर पर रुमाल रखें
रक्षाबंधन वाले दिन सुबह भाई-बहन जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं और नए कपड़े पहनें। शुभ मुहूर्त में ही राखी बंधवाएं। राखी बंधवाते समय अपने सिर पर कोई रुमाल रख लें। इस दौरान सिर खाली नहीं रहना चाहिए।
दिशा का रखें ध्यान
राखी बांधते समय दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए। जब भाई राखी बंधवा रहा हो, तो उसका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। वहीं, पीठ पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके राखी बंधवाना शुभ नहीं माना जाता है।
थाली में न शामिल करें टूटे चावल
राखी बांधने के लिए सबसे पहले अपने भाई के माथे पर चंदन, कुमकुम और अक्षत का तिलक लगाएं। रक्षाबंधन की थाली सजाते समय थाली में टूटे हुए चावल ना रखें।
तीन गांठ बाधें
राखी बांधने से पहले इसमें तीन गांठ जरूर लगाएं। माना जाता है कि राखी में तीन गांठ बांधकर भाई की कलाई पर राखी बांधना शुभ होता है। तीन गांठ का संबंध देवताओं से जुड़ा होता है।
दीर्घायु के लिए होती है तीन गांठ
राखी में लगाई जाने वाली तीन गांठ ब्रह्मा, विष्णु और महेश को समर्पित होती हैं। पहली गांठ भाई की लंबी उम्र के लिए होती है। दूसरी गांठ खुद की दीर्घायु के लिए होती है और तीसरी गांठ भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की दीर्घायु के लिए बांधी जाती है।
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