सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 19 अगस्त यानी सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा काल भी रहेगा। इस समय राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है। इस दिन कई शुभ योगों का निर्माण भी हो रहा है। यहां आपको राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और इन योगों के बारे में बताते हैं।
By Bharat Mandhanya
Publish Date: Mon, 12 Aug 2024 02:54:15 PM (IST)
Updated Date: Mon, 12 Aug 2024 03:13:43 PM (IST)
HighLights
- सोमवार रात 3:04 बजे शुरू होगी पूर्णिमा तिथि
- रात 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा शोभन योग
- इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग भी बन रहा
धर्म डेस्क, इंदौर (Raksha Bandhan 2024)। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें भाई को राखी बांधकर उनके उज्जवल भविष्य के लिए कामना करती है और भाई बहन को रक्षा का वचन देते हैं। इस वर्ष रक्षाबंधन पर्व बहुत ही शुभ संयोग में मनाया जाएगा। यहां आपको वे शुभ संयोग और राखी के मुहूर्त के बारे में बताते हैं।
कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन पर्व
हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि पर रक्षा बंधन पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष 19 अगस्त यानी सोमवार को यह पर्व मनाया जाएगा। सोमवार देर रात 3 बजकर 4 मिनट पर पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी और इस दिन देर रात 11:55 बजे इस तिथि का समापन हाेगा।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार सावन पूर्णिमा पर दुर्लभ शोभन योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं।
शोभन योग
शोभन योग 19 अगस्त को रात 12:47 बजे तक रहेगा। यानी यह योग पूरे दिन रहेगा। ज्योतिष में शोभन योग को काफी शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। शोभन योग में बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती है, इससे जातक को शुभ फल की प्राप्त होंगे।
सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग
इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग सुबह 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
कब है शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, सावन पूर्णिमा पर दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से शाम 4 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इसके बाद प्रदोष काल में शाम 6 बजकर 56 से रात 9 बजकर 8 मिनट तक रहेगा।
भद्रा काल में नहीं बंधेगी राखी
इस बार भी रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। भद्रा काल के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। रक्षाबंधन पर भद्रा सुबह 5.53 बजे से शुरू होगी और दोपहर 1.32 बजे तक रहेगी। भद्रकाल के दौरान राखी नहीं बांधी जाती है।
डिसक्लेमर
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