जून माह में दूसरा पंचक 26 जून 2024 सोमवार को मध्य रात्रि 01.50 बजे लगेगा, जो 30 जून, 2024, रविवार को सुबह 07.34 बजे तक रहेगा।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Mon, 27 May 2024 11:18:53 AM (IST)
Updated Date: Mon, 27 May 2024 11:18:53 AM (IST)
HighLights
- जून माह की शुरुआत ही पंचक के साथ होगी।
- पंचक की अवधि में दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
- पंचक के दौरान लकड़ी इकट्ठा करने जैसे काम भी नहीं करना चाहिए।
धर्म डेस्क, इंदौर। मई माह जल्द ही खत्म होने वाला है और माह के आखिर में 29 मई से लेकर 3 जून तक पंचक लगने वाला है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में पंचक की अवधि अशुभ मानी जाती है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। विशेषकर मांगलिक कार्य जैसे मुंडन, गृह प्रवेश या विवाह जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं। जून माह में कब-कब पंचक रहेगा। इस बारे में जानकारी दे रहे हैं पंडित हर्षित मोहन शर्मा।
जून माह में पंचक की अवधि
जून माह की शुरुआत ही पंचक के साथ होगी। पहला पंचक 29 मई,2024, बुधवार को रात 08.06 बजे शुरू होगा, जो 3 जून, 2024, सोमवार को मध्य रात्रि 01.41 बजे तक रहेगा। वहीं जून माह में दूसरा पंचक 26 जून 2024 सोमवार को मध्य रात्रि 01.50 बजे लगेगा, जो 30 जून, 2024, रविवार को सुबह 07.34 बजे तक रहेगा।
पंचक के दौरान न करें ये काम
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पंचक की अवधि 5 दिनों की होती है। चंद्रदेव जब धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश करते हैं और इसके बाद जब चंद्रदेव शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र के चार पदों में गोचर करते हैं तो यह अवधि पंचक कहलाती है। इसके अलावा यह भी कहा जा सकता है कि जब चंद्रदेव कुंभ और मीन राशि में गोचर करते हैं तो इस अवधि को पंचक कहा जाता है।
पंचक में न करें ये काम
- पंचक की अवधि में दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
- पंचक के दौरान लकड़ी इकट्ठा करने जैसे काम भी नहीं करना चाहिए।
- पंचक में यदि किसी इंसान की मौत हो जाए तो दाह संस्कार के वक्त आटे, बेसन और कुश (घास) से 5 पुतले बनाकर मृतक के साथ अंतिम संस्कार करें।
- पंचक के दौरान पलंग या चारपाई का निर्माण भी नहीं करवाना चाहिए।
- पंचक अवधि में विवाह, मुंडन और नामकरण संस्कार आदि वर्जित होते हैं।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’