इस वर्ष नागपंचमी पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा। यह पर्व इस शुभ योगों में शुरू होगा। इसमें नाग देवता की पूजा करने से कई बाधाओं से मुक्ति मिलेगी। नाग देवता के पूजन से कुल में भी वृद्धि होगी। यहां आपको नागपंचमी पर बन रहे योग के बारे में बताते हैं।
By Bharat Mandhanya
Publish Date: Wed, 07 Aug 2024 11:22:47 AM (IST)
Updated Date: Wed, 07 Aug 2024 11:22:47 AM (IST)
HighLights
- कन्या राशि के चंद्रमा की साक्षी में होगी नागपंचमी
- पूजा से सर्प श्रापित दोष का योग का होगा निवारण
- साधक को कालसर्प की समस्या से भी मिलेगी मुक्ति
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन (Nag Panchami 2024)। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी 9 अगस्त को नागपंचमी पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार इस बार नागपंचमी हस्त नक्षत्र व सिद्ध योग में आ रही है। इस दिन मालवा की लोक परंपरा अनुसार घरों दीवार पर नाग देवता का अंकन कर पूजा अर्चना की जाएगी।
यह दिन कालसर्प व सर्प श्रापित दोष निवारण पूजन के लिए भी श्रेष्ठ है। ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया इस बार नागपंचमी शुक्रवार के दिन हस्त नक्षत्र,सिद्ध योग और कन्या राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है।
नाग देवता का होगा पूजन
इस दिन कुल देवता के रूप में नाग देवता का पूजन किया जाता है। जिनकी कुंडली में अलग-अलग प्रकार के सर्प श्रापित दोष का योग है, वे नाग देवता की प्रसन्नता के लिए पूजन पाठ कर सकते हैं।
कई बाधाओं का होगा निराकरण
शुक्रवार का दिन, हस्त नक्षत्र के स्वामी सूर्य, सिद्ध योग के स्वामी कार्तिकेय हैं इस दृष्टि से जिनके विवाह में बाधा आ रही है, वह भी नाग देवता की पूजा कर सकते हैं। नाग देवता की पूजन करने से परिवार में कुल वृद्धि होती है और कई प्रकार की बाधाओं का निराकरण होता है।
उज्जैन में 10 दिशाओं में अलग-अलग नागों की उपस्थिति
स्कंद पुराण के अवंति खंड में नागों के तीर्थ की महिमा का उल्लेख किया गया है। भैरव तीर्थ व नाग तीर्थ के नाम से प्रचलित अध्याय में नागों के 10 दिशाओं का उल्लेख पौराणिक मान्यता में दर्शाया गया है, जिसका अलग-अलग प्रकार से 10 नाग देवता प्रतिनिधित्व करते हैं। 10 दिशाओं के 10 दिग्पाल के रूप में भी उनकी उपस्थिति मानी जाती है।
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