पुराणों में वर्णित कथाओं में बताया गया है कि नागपंचमी के दिन सांप को दूध पिलाने से सर्पदंश का भय दूर होता है और आपको सर्प देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। नाग पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए। इसके बाद ही व्रत का संकल्प लेकर पूजा की शुरुआत करनी चाहिए।
By Ekta Sharma
Publish Date: Thu, 25 Jul 2024 02:42:07 PM (IST)
Updated Date: Thu, 25 Jul 2024 02:42:07 PM (IST)
HighLights
- नागपंचमी का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है।
- नाग पंचमी के दिन सपेरे नागों को टोकरी में लेकर घूमते हैं।
- लोग भी नागों को श्रद्धा से दूध पिलाते हैं और लावा चढ़ाते हैं।
धर्म डेस्क, इंदौर। Nag Panchami Puja 2024: नाग पंचमी पर्व सावन के महीने में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की उपासना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। साथ ही जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन व्रत भी रखा जाता है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन व्रत करने तथा व्रत कथा पढ़ने से सुख समृद्धि प्राप्त होती है।
आइए, जानते हैं कि इस बार नाग पंचमी पर्व किस दिन मनाया जाएगा और नाग देवता की पूजा कैसे करनी चाहिए।
नाग पंचमी 2024 शुभ मुहूर्त
इस बार नाग पंचमी का त्योहार 9 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त पूरे दिन रहने वाला है। विशेष पूजा के लिए दोपहर 12:30 से 1:00 तक का समय शुभ रहेगा। इस दिन प्रदोष काल में नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। प्रदोष काल शाम 6:10 से 8:20 तक रहेगा।
नाग के 12 स्वरूप की होती है पूजा
नाग पंचमी के दिन मिट्टी से निर्मित नाग देवता की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। उत्तर भारत में पंचमी तिथि पर नाग देवता की पूजा करने का विधान है। इस दिन नाग के 12 स्वरूप अनंत, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कर्कोटक, अश्व, धृतराष्ट्र, शंखपाल, कालीय तथा तक्षक का स्मरण करके पूजा की जाती है। इस दिन मिथिलांचल में नागों की देवी मनसा की भी पूजा होती है।
ऐसे करें नाग देवता की पूजा
- नाग पंचमी पर सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान आदि से निवृत हो जाएं और भगवान के सामने व्रत का संकल्प लें।
- पूजा घर में एक साफ चौकी पर नाग देवता का चित्र या मिट्टी से बने हुए नाग देवता की मूर्ति स्थापित करें।
- इसके बाद नाग देवता को हल्दी, रोली, चावल, फूल आदि चीज चढ़ाएं। फिर दूध घी व चीनी मिलाकर अर्पित करें।
- इसके बाद पूजा के अंत में नाग पंचमी व्रत कथा का श्रवण करें और आरती के साथ पूजा का समापन करें।
- कहा जाता है कि नाग पंचमी पर्व के दिन नाग देवता की पूजा करने से और उन्हें दूध पिलाने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
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