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4 जून को बनने जा रहा यह अद्भुत संयोग, भोलेनाथ और मां पार्वती के पूजन से मिलेगा मनचाहा फल

bareillyonline.com by bareillyonline.com
3 June 2024
in बरेली न्यूज़
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4 जून को बनने जा रहा यह अद्भुत संयोग, भोलेनाथ और मां पार्वती के पूजन से मिलेगा मनचाहा फल
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चार जून को भौम प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि व्रत एक साथ रखे जाएंगे।

By Bharat Mandhanya

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Publish Date: Mon, 03 Jun 2024 08:46:09 AM (IST)

Updated Date: Mon, 03 Jun 2024 08:46:09 AM (IST)

4 जून को बनने जा रहा यह अद्भुत संयोग, भोलेनाथ और मां पार्वती के पूजन से मिलेगा मनचाहा फल

HighLights

  1. चार जून को रखा जाएगा भौम प्रदोष व्रत
  2. मासिक शिवरात्रि भी मंगलवार को
  3. भगवान शिव और मां पार्वती के पूजन का है विधान

Masik Shivratri and Bhaum Pradosh Vrat 2024 धर्म डेस्क, इंदौर। ज्‍येष्‍ठ माह में कई व्रत त्योहार आते हैं। इन सभी पर अलग-अलग विधियों पर से पूजा करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति भी होती है। साथ ही इस माह में कई संयोग भी बनते हैं। ऐसा ही संयोग 4 जून यानी मंगलवार को बनने जा रहा है। यदि दिन भगवान शिव के पूजन के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

दरअसल, मंगलवार को प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक साथ आ रहे हैं। यह दोनों ही व्रत भोलेनाथ के पूजन के लिए रखे जाते हैं। इस दिन विधि विधान से महादेव का पूजन करने से प्रत्येक मनोकामना पूरी होती है।

क्यों खास है प्रदोष व्रत? (Pradosh Vrat 2024)

प्रदोष व्रत का नाम सप्ताह के दिनों से हिसाब से तय होता है। मंगलवार को आने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा गया है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करने का भी विधान है।

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मासिक शिवरात्रि 2024 (Masik Shivratri 2024)

मासिक शिवरात्रि का व्रत भी मंगलवार को रखा जाएगा। इसका व्रत निशिता काल यानी रात में किया जाता है।

कैसे साथ में आ रहे दोनों व्रत?

दरअसल, भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) ज्‍येष्‍ठ माह के कृष्ण की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा। इसकी शुरुआत सुबह 12 बजकर 18 मिनट पर होगी और रात 10 बजकर 1 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त होती। इसके ठीक बाद 10 बजकर 1 मिनट से चतुर्दशी तिथि की शुरुआत हो जाएगी और 5 जून को शाम 7 बजकर 54 मिनट पर खत्म होगी। इस दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। एक दिन में त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि साथ आने पर दाेनों व्रत साथ में रखे जाएंगे।

डिस्‍क्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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