Masik Shivratri 2024: इस बार मासिक शिवरात्रि पर बनने जा रहे हैं बेहद शुभ संयोग, यहां जानिए सही तिथि


मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में जब शिवरात्रि के दिन शुभ योगों में शिव जी की पूजा की जाए, तो दोगुना फल प्राप्त होता है। इस दिन भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए।

By Ekta Sharma

Publish Date: Thu, 13 Jun 2024 03:08:33 PM (IST)

Updated Date: Thu, 13 Jun 2024 03:08:33 PM (IST)

मासिक शिवरात्रि तिथि, शुभ मुहूर्त और मंत्र।

HighLights

  1. 4 जुलाई को मनाया जाएगा मासिक शिवरात्रि पर्व।
  2. शिवरात्रि पर बन रहे हैं भद्रावास और वृद्धि योग।
  3. इस दिन स्वर्ग लोक में रहेंगी भद्रा।

धर्म डेस्क, इंदौर। Masik Shivratri 2024: सनातन धर्म में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि भगवान शिव को समर्पित मानी जाती है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन व्रत भी रखा जाता है। व्रत के प्रभाव से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कहा जाता है कि शिवरात्रि का व्रत करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, कुंवारी कन्याओं को अच्छे वर की प्राप्ति होती है। इस बार शिवरात्रि पर बेहद शुभ संयोग बनने जा रहे हैं। आइए, जानते हैं कि शिवरात्रि की सही तिथि, मुहूर्त और शुभ योग कौन-से हैं।

मासिक शिवरात्रि 2024 तिथि

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 4 जुलाई को सुबह 5.44 बजे शुरू होगी और अगले दिन 5 जुलाई को सुबह 5.57 बजे समाप्त होगी। मासिक शिवरात्रि में निशा काल में भगवान और माता शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। इस बार मासिक शिवरात्रि 4 जुलाई को मनाई जाएगी।

इन शुभ योग में मनाई जाएगी शिवरात्रि

इस बार मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ वृद्धि योग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन भद्रावास योग भी बन रहा है। इस दिन भद्रा स्वर्ग लोक में रहेंगी। भद्रा के स्वर्गवास के दौरान मानव समाज को शुभ फल मिलते हैं।

इन मंत्रों का करें जाप

शिव मूल मंत्र

ॐ नमः शिवाय॥

रूद्र मंत्र

ॐ नमो भगवते रूद्राय ।

रूद्र गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय

धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

डिसक्लेमर

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