Masik Durgashtami 2024: 14 जून को पड़ रही है मासिक दुर्गाष्टमी, मां दुर्गा को इस तरह करें प्रसन्न


ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 13 जून 2024 को रात्रि 8 बजकर 03 मिनट पर प्रारंभ होगी। यह तिथि 14 जून को रात 10 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगी।

By Ekta Sharma

Publish Date: Thu, 06 Jun 2024 01:44:16 PM (IST)

Updated Date: Thu, 06 Jun 2024 01:44:16 PM (IST)

मासिक दुर्गाष्टमी तिथि, पूजा विधि और मंत्र।

HighLights

  1. 14 जून, शुक्रवार को दुर्गाष्टमी व्रत रखा जाएगा।
  2. इस दिन मां दुर्गा की आरती और उनके मंत्रों का जाप करें।
  3. मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करें।

धर्म डेस्क, इंदौर। Masik Durgashtami 2024: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मां दुर्गा के लिए हर महीने मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन व्रत करने से मां दुर्गा प्रसन्न होकर जातक पर अपना आशीर्वाद बनाएं रखती हैं। आइए, जानते हैं कि इस बार मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व कब मनाया जाएगा और इस दिन किस तरह माता रानी की पूजा करनी चाहिए।

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 13 जून 2024 को रात्रि 8 बजकर 03 मिनट पर प्रारंभ होगी। यह तिथि 14 जून को रात 10 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत उदया तिथि के अनुसार, 14 जून, शुक्रवार को रखा जाएगा।

मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि

  • मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • इसके बाद मां दुर्गा का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
  • मंदिर की साफ-सफाई के बाद एक चौकी पर साफ लाल कपड़ा बिछाएं।
  • इसके बाद मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • लाल रंग मां दुर्गा का पसंदीदा रंग माना जाता है। ऐसे में सोलह श्रृंगार का सामान, लाल चुनरी, लाल फूल आदि चढ़ाएं।
  • अंत में मां दुर्गा की आरती और उनके मंत्रों का जाप करें।
  • सभी लोगों में प्रसाद बांट दें।
  • इन मंत्रों का करें जाप

    या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

    या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

    या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

    ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

    दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।

    सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

    शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

    डिसक्लेमर

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