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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पूजा करने से पुण्य फल प्राप्त होते हैं और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
By Ekta Sharma
Publish Date: Sun, 09 Jun 2024 02:58:34 PM (IST)
Updated Date: Sun, 09 Jun 2024 02:58:34 PM (IST)
HighLights
- ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान-ध्यान जरूर करना चाहिए।
- ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 21 जून को रखा जाएगा।
- चंद्रदेव की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। कई तरह के कार्यों के लिए इस तिथि को फलदायी माना गया है। कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पूजा करने से पुण्य फल प्राप्त होते हैं और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
इस बार ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा 22 जून 2024 को पड़ रही है। इस दिन स्नान-ध्यान का बहुत महत्व रहता है। आइए, जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजन मंत्र।
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024 तिथि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि 21 जून 2024 को सुबह 06:01 बजे शुरू होगी। यह तिथि अगले दिन 22 जून 2024 को सुबह 05:07 बजे समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून, शनिवार को मनाई जाएगी और इसी दिन स्नान-दान किया जाएगा। ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 21 जून को रखा जाएगा।
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:04 से 04:44 तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 02.43 से 03.39 बजे तक।
अमृत काल- सुबह 11.37 बजे से दोपहर 1.11 बजे तक।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजन मंत्र
1. गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि।
मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति।।
2. गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।
3. गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं ।
त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां ।।
डिसक्लेमर
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