पूर्णिमा तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Mon, 27 May 2024 01:19:14 PM (IST)
Updated Date: Mon, 27 May 2024 01:35:16 PM (IST)
HighLights
- पूर्णिमा तिथि 22 जून को मनाई जाएगी।
- ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 21 जून को सुबह 07.31 बजे शुरू होगी।
- इस तिथि का समापन 22 जून को सुबह 06.37 बजे होगा।
धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार अभी ज्येष्ठ माह चल रहा है और इस माह की पूर्णिमा तिथि 22 जून को मनाई जाएगी। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 21 जून को सुबह 07.31 बजे शुरू होगी और इस तिथि का समापन 22 जून को सुबह 06.37 बजे होगा। इस दौरान भगवान श्री हरि विष्णु और भगवान भोलेनाथ की पूजा करना शुभ होता है। इसके अलावा पूर्णिमा तिथि पर जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा को लेकर धार्मिक मान्यता
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, पूर्णिमा तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। विधि-विधान से पूजा करने पर साधक को सुख, सौभाग्य और यश की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा की शाम को भगवान शिव का पूजन करने के साथ चंद्रदेव की भी आराधना करना चाहिए। भगवान शिव को चावल की खीर का भोग लगाना चाहिए।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर बनेंगे ये शुभ योग
- शुक्ल योग: ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि पर दुर्लभ शुक्ल योग शाम 04.45 बजे तक है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। साथ ही भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख, सौभाग्य और धन में वृद्धि होती है।
- शिव वास योग : ज्येष्ठ पूर्णिमा पर शिव वास योग का निर्माण सुबह 6.38 बजे होगा, जो 23 जून को सुबह 5.12 बजे तक रहेगा। इस दौरान भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
- ब्रह्म योग: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर ब्रह्म योग शाम 04.46 बजे से पूरी रात तक रहेगा। ज्योतिष ब्रह्म योग को शुभ माना जाता है। इस दौरान भगवान शिव का स्मरण करना चाहिए।
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