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मान्यता है कि बड़े मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है और उनके निमित्त व्रत करने से व्यक्ति को कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।
By Nai Dunia News Network
Publish Date: Wed, 22 May 2024 03:58:54 PM (IST)
Updated Date: Wed, 22 May 2024 03:58:53 PM (IST)

धर्म डेस्क, इंदौर। Jyeshtha Month 2024: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह को बहुत महत्ता दी गई है। शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार को भगवान श्री राम की हनुमान जी से मुलाकात हुई थी। इस कारण इस माह में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है। मान्यता है कि बड़े मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है और उनके निमित्त व्रत करने से व्यक्ति को कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। ज्येष्ठ माह में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। इन कार्यों को करने से व्यक्ति को अशुभ परिणाम मिलने लगते हैं।
ज्येष्ठ माह महत्व
पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ माह 24 मई 2024 से शुरू होकर 23 जून 2024 को समाप्त होगा। धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में हनुमान जी की भगवान श्री राम से मुलाकात हुई थी। इस माह के मंगलवार का व्रत करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है और सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
ज्येष्ठ माह में क्या करें?
- ज्येष्ठ माह में दान करना पुण्य के बराबर माना जाता है। गर्मी में राहगीरों को पानी पिलाने से देवी-देवता और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
- पशु-पक्षियों के लिए पानी रखें।
- ज्येष्ठ माह में तांबा और तिल का दान करना चाहिए। इस माह में इन चीजों का दान करने से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है।
- ज्येष्ठ माह में सत्तू का सेवन करना सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
ज्येष्ठ माह में क्या न करें?
- ज्येष्ठ माह में ज्येष्ठ यानी बड़े पुत्र या पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- ज्येष्ठ महीने में दिन में नहीं सोना चाहिए। इससे व्यक्ति को रोग का सामना करना पड़ सकता है।
- इसके दौरान तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पेट संबंधी परेशानियां होने लगती हैं।
- ज्येष्ठ माह में पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
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