Guruvar Vrat Benefits: भगवान विष्णु के निमित्त रख रहे हैं व्रत, तो जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार का व्रत करने के दौरान कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।

By Ekta Sharma

Publish Date: Sun, 09 Jun 2024 04:19:59 PM (IST)

Updated Date: Sun, 09 Jun 2024 04:25:55 PM (IST)

गुरुवार का व्रत क्यों किया जाता है?

HighLights

  1. भगवान विष्णु को समर्पित है गुरुवार का व्रत।
  2. गुरुवार के दिन जरूर धारण करें पीले वस्त्र।
  3. गुरुवार के व्रत से कुंडली में मजबूत होगी गुरु की स्थिति।

धर्म डेस्क, इंदौर। Guruvar Vrat Benefits: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस दिन बृहस्पति देव की पूजा करने की परंपरा है। कहा जाता है कि गुरुवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से कुंडली में मौजूद अशुभ ग्रहों के प्रभाव से छुटकारा मिलता है। गुरु बृहस्पति को सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार का व्रत करने के दौरान कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।

गुरुवार व्रत के नियम

  • इस दिन सुबह उठकर पवित्र स्नान करें।
  • भगवान के सामने गुरुवार का व्रत करने का संकल्प लें।
  • इस दिन पीले वस्त्र धारण करने चाहिए।
  • एक वेदी पर बृहस्पति देव और भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें।
  • उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं। साथ ही गोपी चंदन और हल्दी का तिलक लगाएं।
  • गुड़, चने की दाल, मुनक्का और केले का भोग जरूर लगाएं।
  • गुरुवार की कथा जरूर पढ़ें। वैदिक मंत्रों का जाप भी करें।
  • आरती के साथ पूजा का समाप्त करें।
  • इस दिन तामसिक चीजों से दूर रहें।
  • गुरुवार व्रत के फायदे

    • इस व्रत को रखने से घर में खुशहाली और शांति बनी रहती है।
    • गुरुवार का व्रत रखने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है।
    • इस व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन से जुड़ी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
    • अगर आपकी कुंडली में अल्पायु का योग है, तो यह व्रत जरूर करना चाहिए।
    • इस व्रत को करने से देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
    • इस व्रत के प्रभाव से धन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।
    • कुंडली से अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त करने के लिए गुरुवार का व्रत लाभकारी होता है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति के मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है।
    • गुरुवार के व्रत से कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है।

    डिसक्लेमर

    ‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’



    Source link

    Exit mobile version