गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) का पर्व इस साल 21 जुलाई रविवार को मनाया जा रहा है। इस पर्व से जुड़ी एक कथा है, जो महर्षि वेदव्यास जी से जुड़ी है। इस दिन शिष्य अपने गुरु के चरणों का पूजन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और उन्हें गुरु दक्षिणा देते हैं।
By Prashant Pandey
Publish Date: Sat, 20 Jul 2024 03:08:14 PM (IST)
Updated Date: Sat, 20 Jul 2024 03:21:29 PM (IST)
HighLights
- आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा का पर्व।
- इस दिन को गुरु पूर्णिमा के साथ व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं।
- गुरु पूर्णिमा पर व्रत रखने और दान करने का भी महत्व है।
Guru Purnima Guru Pujan: धर्म डेस्क, इंदौर। सनातन धर्म में गुरु का पद भगवान के समान माना गया है। गुरु द्वारा दिए ज्ञान से ही भगवान की भक्ति प्राप्त होती है। इस साल गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई के दिन मनाई जाएगी। हिंदू कैलेंडर के अनुसार गुरु को नमन करने का पर्व आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है। आखिर इसी दिन गुरु का पूजन क्यों किया जाता है, इसके पीछे भी एक कथा है। आईए इसे जानते हैं…
वेदव्यास जी की शिष्यों ने की थी इसकी शुरुआत
हिंदू धर्म के ग्रंथों में से एक महाभारत की रचना महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास जी ने की थी। वेदव्यास जी महर्षि पाराशर और माता सत्यवती के पुत्र थे। आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के दिन ही उनका जन्म हुआ था। वेदव्यास जी के शिष्यों ने उनकी जन्म तिथि पर गुरु के पूजन की शुरुआत की थी और उन्हें गुरु दक्षिणा दी थी।
इसी के बाद से सभी अपने गुरुओं का पूजन इस दिन करते हैं। शिष्य अपने गुरुओं के चरण का पूजन उन्हें गुरु दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस दिन को गुरु पूर्णिमा के साथ व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
इस तरह पाए गुरु का आशीर्वाद
गुरु पूर्णिमा का पर्व उन सभी के जीवन में बहुत महत्व रखता है, जो अपने गुरु द्वारा बताई दिशा में आगे बढ़ें और उन्नति पाई। इस दिन शिष्य अपने गुरु को पुष्पमाला पहनाकर उनके चरणों का पूजन करते हैं। इसके बाद उन्हें श्रीफल के साथ गुरु दक्षिणा भेंटकर प्रणाम करते हैं।
गुरु पूर्णिमा पर शिष्य व्रत भी रखते हैं। जिन्होंने ने अपने गुरु से दीक्षा लेकर मंत्र लिया है, उसका जाप करते हैं। इस दिन मंदिरों और जरूरतमंदों को दान करने का भी बड़ा महत्व माना गया है। इससे भी गुरु की कृपा प्राप्त होती है। यह दिन केवल आध्यात्मिक ज्ञान देने वाले गुरु से ही नहीं जुड़ा है। कई लोग इस दिन उनका भी सम्मान करते हैं, जिन्होंने उन्हें जीवन में मार्गदर्शन दिया।