गुप्त नवरात्र के त्योहार का हिंदुओं के बीच बहुत खास महत्व रखता है। जल्द ही आसाढ़ मास के गुप्त नवरात्र की शुरुआत होने वाली है। यह पर्व तांत्रिक सिद्धि के लिए बहुत खास होता है। किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति करना चाहते हैं, तो गुप्त नवरात्र में पूजा जरूर करें।
By Ekta Sharma
Publish Date: Fri, 28 Jun 2024 03:13:06 PM (IST)
Updated Date: Fri, 28 Jun 2024 03:13:06 PM (IST)
HighLights
- साल में दो गुप्त नवरात्र भी मनाए जाते हैं।
- माघ और आषाढ़ महीने में मनाए जाते हैं गुप्त नवरात्र।
- इस दौरान देर रात गुप्त रूप से पूजा की जाती है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Gupt Navratri 2024: जुलाई से गुप्त नवरात्र का पर्व प्रारंभ होने वाला है। नवरात्र अर्थात मां भगवती के नौ रूपों, नौ शक्तियों की पूजा के वो दिन जब मां हर मनोकामना पूरी करती हैं। यूं तो हर साल चैत्र और शारदीय नवरात्र होते हैं, जिनमें लोग पूरी श्रद्धा के साथ घट स्थापना करते हैं, लेकिन दो और नवरात्र भी होते हैं। गुप्त नवरात्र इनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, गुप्त नवरात्र वर्ष में दो बार आते हैं। एक माघ महीने में और दूसरा आषाढ़ महीने में।
दस महाविद्याओं की होती है पूजा
आचार्य पं. नरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि गुप्त नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की बजाय दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। ये दस महाविद्याएं हैं। मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी। वर्ष में दो बार आने वाली गुप्त नवरात्र बेहद खास होती है। इस नवरात्र की पूजा विधि चैत्र और शारदीय नवरात्र से बिल्कुल अलग होती है और यही कारण है कि गुप्त नवरात्र अन्य नवरात्र से बिल्कुल अलग और खास होते हैं।
महाकाली की होती है आराधना
कहते हैं इन नवरात्रों में मां भगवती की देर रात गुप्त रूप से पूजा की जाती है और इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। गुप्त नवरात्र के दौरान साधक तांत्रिक क्रियाएं, शैव साधनाएं, श्मशान साधनाएं, महाकाल साधनाएं, आदि करते हैं और सफलता प्राप्त कर लेने पर विभिन्न शक्तियों और दुर्लभ सिद्धियों के स्वामी बन जाते हैं। गुप्त नवरात्र के दौरान विनाश और संहार के देव, महाकाल और महाकाली की आराधना होती है।
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