[ad_1]
धार्मिक मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य द्वारा किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
By Ekta Sharma
Publish Date: Sun, 09 Jun 2024 02:51:48 PM (IST)
Updated Date: Sun, 09 Jun 2024 02:51:48 PM (IST)

HighLights
- इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान-ध्यान करते हैं।
- इस दिन भगवान शिव के साथ मां गंगा की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है।
- शुभ योगों में स्नान-ध्यान किया जाए, तो कई तरह के लाभ मिलते हैं।
धर्म डेस्क, इंदौर। Ganga Dussehra 2024: हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस बार सनातन पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा 16 जून को मनाया जाएगा। इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान-ध्यान करते हैं। इस दिन भगवान शिव के साथ मां गंगा की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य द्वारा किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस बार गंगा दशहरा पर अमृत सिद्धि समेत कई योगों का निर्माण हो रहा है।
अमृत सिद्धि योग
गंगा दशहरा पर अमृत सिद्धि योग बन रहा है। अमृत सिद्धि योग सुबह 5.23 बजे से 11.13 बजे तक रहेगा। इस योग में स्नान-ध्यान किया जाए, तो कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। अमृत सिद्धि योग को ज्योतिषी भी बहुत शुभ मानते हैं।
वरियान योग
गंगा दशहरा पर अमृत सिद्धि योग के साथ वरियान योग भी बन रहा है। यह योग रात 9 बजकर 03 मिनट तक बना हुआ है। इस योग में गंगा नदी में स्नान किया जाए, तो जाने-अनजाने में किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
रवि योग
ज्योतिषियों के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को रवि योग बनने जा रहा है। रवि योग दिनभर बना रहेगा। इस योग में स्नान और ध्यान किया जाए, तो अच्छी सेहत का आशीर्वाद मिलता है। इतना ही नहीं शारीरिक और मानसिक कष्टों से भी छुटकारा मिलता है।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
[ad_2]
Source link