इस बार 18 जुलाई से चातुर्मास शुरू होने जा रहे हैं। इस दौरान भगवान विष्णु शयन मुद्रा में चले जाते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। हालांकि, भगवान विष्णु का पूजन और दान-पुण्य करना शुभ माना गया है।
By Bharat Mandhanya
Publish Date: Fri, 28 Jun 2024 01:26:37 PM (IST)
Updated Date: Fri, 28 Jun 2024 02:00:09 PM (IST)
HighLights
- सावन, भादौ, आश्विन व कार्तिक से मिलकर बनते हैं चातुर्मास
- इस साल 17 जुलाई से शुरू होकर 2 नवंबर तक रहेंगे चातुर्मास
- चातुर्मास के दौरान शयन मुद्रा में रहते हैं भगवान विष्णु
Chaturmasya 2024 Dates धर्म डेस्क, भोपाल। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन के लिए चले जाते हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का पर्व मनाया जाता है। इस समय को चातुर्मास कहा जाता है।
कब से शुरू होंगे चातुर्मास
इस बार चातुर्मास 17 जुलाई से शुरू होकर चार महीने तक चलेगा और 12 नवंबर को समाप्त होगा। पंडित विनोद गौतम ने बताया कि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई को रात 8:33 पर शुरू होगी और अगले दिन 17 जुलाई बुधवार को रात 9:33 पर समाप्त होगी।
क्या है चातुर्मास
हिंदू धर्म में सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक माह का विशेष महत्व बताया गया है। इन चारों महीनों को मिलाकर चातुर्मास बनता है। माना जाता है कि देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु सृष्टि का संचालन भगवान शिव को सौंपकर शयन के लिए चले जाते हैं। भगवान विष्णु के शयन काल की यह अवधि चार महीने की होती है। इसी वजह से यह अवधि चातुर्मास कहलाती है।
चातुर्मास में इन बातों का रखें ध्यान
- चातुर्मास के दौरान सात्विक भोजन का सेवन करें
- चातुर्मास के दौरान फर्श पर सोना बेहतर रहेगा
- दान-पुण्य और धर्मग्रंथों का पाठ करना चाहिए
- भगवान शिव और विष्णु की पूजा करनी चाहिए
- पवित्र स्थानों की यात्रा करना बहुत शुभ माना जाता है
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