सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान विष्णु आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं।
By Ekta Sharma
Publish Date: Wed, 15 May 2024 05:01:36 PM (IST)
Updated Date: Wed, 15 May 2024 05:01:36 PM (IST)
![Chaturmas 2024: इस दिन से नहीं किए जा सकेंगे मांगलिक कार्य, हो रही है चातुर्मास की शुरुआत](https://img.naidunia.com/naidunia/ndnimg/15052024/15_05_2024-chaturmas_2024_tithi.jpg)
HighLights
- देवशयनी एकादशी की तिथि से चातुर्मास प्रारंभ होता है।
- चातुर्मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
- यह भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Chaturmas 2024: देवशयनी एकादशी हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस साल देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को पड़ रही है। यह त्योहार भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि देवशयनी एकादशी की तिथि पर जगत के रचयिता भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम या शयन के लिए चले जाते हैं। देवशयनी एकादशी की तिथि से चातुर्मास प्रारंभ होता है। चातुर्मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। चातुर्मास के दौरान विवाह, सगाई, तिलक, विदाई, उपनयन, गृह प्रवेश और वाहन खरीद सहित सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं।
इस दिन से शुरू हो रहा है चातुर्मास
सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान विष्णु आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी तिथि को जागते हैं। इस कारण कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। चातुर्मास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस साल चातुर्मास 17 जुलाई से 12 नवंबर तक रहेगा।
देवशयनी और देवउठनी एकादशी तिथि
ज्योतिषियों के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई को रात 8.33 बजे शुरू होगी और 17 जुलाई को रात 9.02 बजे समाप्त होगी। इसलिए देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को है।
वहीं, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर को शाम 6.46 बजे शुरू होगी और 12 नवंबर को शाम 4.04 बजे समाप्त होगी। इसलिए देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को है। 13 नवंबर से विवाह, सगाई समेत सभी शुभ कार्य किए जा सकेंगे।
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